अस्थायी गौशाला पेसारा में गोवंश कर रहे अपनी मौत का इन्तजार

 केराकत, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के पेसारा गांव में स्थित निराश्रित अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल की दुर्दशा की पराकाष्ठा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां प्रतिदिन किसी न किसी गोवंश की मौत होना तय रहती है। आलम यह है कि दर्जनों मरे हुए गोवंशो को दफनाने के बाद उठ रही दुर्गंध से अगल बगल से गुजरना मुश्किल है। स्थानीय लोग भी लगातार मर रहे गोवंश की हालत देखकर उन्हें आजाद करने की मिन्नते कर रहे हैं।

गौशाला की बदहाली को सुन जब मौके पर मीडिया पहुंची तो गौशाला के गेट पर ताला लगा हुआ था। गौशाला के अंदर जाकर देखा गया गया तो स्थिति वीभस्त थी। गौ आश्रम में एक जिंदा गाय के आंख को कौआ नोच कर निकाल रहा था और जिंदा गाय छटपटा रही थी। वहीं दूसरी तरफ एक और गाय के पैर में गहरी चोट लगी थी जिसे कौआ आकर उसके जख्म को गहरा करता जा रहा था। यह दृश्य देखकर कलेजा शीहर उठा और एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते नोच रहे कौवे व जख्म को गहरा कर कौवे को वहां से भगा दिया गया। गौशाला के एक तरफ मृतक गौवंश भी पड़ा दिखा और गायों को खाने के लिए बजबजाता पानी व खड़ा पुआल रखा गया था जो गौवंशो के पहुँच से दूर रखा था जहाँ बॉस लगाया गया था। केयर टेकर भी मौके से नदारत था। अगर केयर टेकर होता तो कम से कम जिंदा गायों को कौवे तो नहीं नोचते। इस सम्बन्ध में जब ग्राम विकास अधिकारी सुरेश चंद्र से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पैसा आने वाला है। ग्राम प्रधान और केयर टेकर से बात करता हूँ। साथ ही खुद मौके पर जाकर वहाँ की स्थिति देखता हूं। बहरहाल कब और कैसे पेसारा अस्थाई गौशाला में गायों को समुचित व्यवस्था कराई जाएगी, यह तो जिम्मेदार ही तय करेंगे।

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