सरसों की दमदार फसल तैयार, किसानों के चेहरे खिले

 

जौनपुर। प्रकृति की मेहरबानी के चलते और कीट आदि के प्रकोप से बचे होने के कारण मछलीशहर तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के ज्यादातर भागों में सरसों की फसल पककर तैयार हो गई है। कुछ गांवों में इसकी कटाई भी शुरू हो गई है।यह विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी का दृश्य है जहां सरसों की फसल में फली लगकर लटक गई है। आपको बताते चलें कि आवारा पशुओं और नीलगायों द्वारा गेहूं की फसल बर्बाद करने के कारण तथा पिछले दो वर्षों से सरसों के दाम ऊंचे होने के कारण बामी, भटेवरा,कठार,खरुआवां, महापुर,चौकी खुर्द, रामगढ़,बटनहित,खजुरहट,ऊंचगांव,तिलौरा, करौरा,चितांव और कुंवरपुर सहित क्षेत्र के कई गांवों में किसानों ने सरसों की खेती का दायरा पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ाया है। गांव बामी के किसान शेर बहादुर सिंह कहते हैं कि  नीलगाय और आवारा पशु गेहूं की तुलना में सरसों के खेतों पर कम हमलावर होते हैं जिस कारण गेहूं की फसल की तुलना में सरसों की फसल इन जानवरों से ज्यादा सुरक्षित होती है। गेहूं की फसल की चार से पांच बार सिंचाई करनी पड़ती है वहीं सरसों की फसल में एक दो बार सिंचाई करने से ही काम चल जाता है। सरसों की इस वर्ष अच्छी पैदावार से आशान्वित विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी के ही किसान शैलेंद्र सिंह कहते हैं कि इस बार कई वर्षों बाद ऐसा हुआ है कि मौसम की मेहरबानी के चलते सरसों की फसल में किसी प्रकार का रोग नहीं लगा। जिस कारण दाने मजबूत हैं। अच्छी पैदावार के चलते किसानों को लगाई गई लागत की तुलना में अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद है।

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