गलत सोहबत के चलते अपराध के सागर में डूब गया आनन्द सागर

 

केराकत, जौनपुर। पुलिस एनकाउंटर में मारे गए आनंद सागर यादव की जान केवल गलत सोहबत के कारण चली गई। पुलिस रिकार्ड में आनन्द के खिलाफ हत्या , हत्या के प्रयास और डकैती सहित एक दर्जन मुकदमें दर्ज हैं।  हालांकि परिजनों का कहना है कि वह निरपराध था। मालूम हो कि आनंद 5 भाइयों में चौथे नंबर का था और अविवाहित था। 

पिता सूबेदार यादव बाल्टा से दूध बिक्री का काम करते हैं। बड़े भाई बीरेंद्र बस ड्राइवर एवं धर्मेंद्र बस पर कंडक्टर हैं। अन्य भाई श्याम सागर पिता के काम में हाथ बटाते हैं जबकि शिवसागर अभी पढ़ाई कर रहा है। आनंद के खिलाफ पहली बार पिछले साल पचवर और परमानंदपुर के दो पक्षों में हुई मारपीट के मामले में आईपीसी की धारा 307 के तहत केराकत थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था। उसके बाद उसकी संगत बम्मावन गांव के सुबास यादव के साथ हो गई। उसके बाद वह अपराध के सागर में डूबता चला गया। पुलिस के मुताबिक मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक बैंक के कैश वैन लूट मामले में यह भी शामिल था। खबर लिखे जाने आनंद सागर का शव घर नहीं पहुंचा था।

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