सुईथाकला ब्लॉक में 94लाख की स्ट्रीट लाइट में धोखाधड़ी, पीड़ित न्याय के लिए लगा रहा है चक्कर

 सुईथाकला (जौनपुर) जिले  में स्ट्रीट लाइट सप्लाई को लेकर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। सुईथाकला ब्लॉक में 94 लाख की स्ट्रीट लाइट की आपूर्ति करने वाली कंपनी सिस्का से जुड़े ठेकेदार भुगतान के लिए चक्कर काट रहे है। हालांकि स्ट्रीट लाइट कहाँ गयी इसका कुछ पता नही चल रहा है। फिलहाल पीड़ित ठेकेदार की तहरीर पर पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। पीड़ित पुलिस के सामने बोला लाईट का भुगतान नहीं हुआ तो आत्महत्या कर लूंगा। फिलहाल पुलिस अधीक्षक डा अजय पाल शर्मा के निर्देश के बाद भी अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं है।

 पीड़ित बृहस्पतिवार को सुबह से दोपहर तक थाने पर बैठा रहा पर पुलिस मामले में मुकदमा दर्ज कराने के बजाय एक दो दिन समय मांग रही सूत्रों की माने तो पुलिस आरोपियों से मिलकर मामले में रफा दफा कराने में जुटी है।

गौरतलब हो कि सुईथाकला ब्लॉक के विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए 94 लाख रु की लाईट लगाने के लिए ब्लॉक अधिकारियों द्वारा जारी किए गए सप्लाई आर्डर पर एक फर्म द्वारा 2 हज़ार स्ट्रीट लाइट की सप्लाई की गई। कंपनी के अधिकारियों की माने तो उक्त लोग बिचौलियों के माध्यम से खंड विकास अधिकारी एडीओ पंचायत से सप्लाई आपूर्ति के पहले ब्यक्तिगत रुप से मिले थे जिसमें उक्त अधिकारी कम्पनी के कर्मचारी को मौखिक सहमति भी दी थी पीड़ित की माने तो तत्पश्चात विकास खंड कार्यालय सप्लाई आर्डर जारी किया तब जाकर कंपनी सप्लाई आपूर्ति किया। यही नहीं ब्लाक के एडीओ पंचायत राजेश कुमार अपने को खंड विकास अधिकारी बताकर सहमति दी थी।
सूत्रों की मानें तो ठेकेदार द्वारा सप्लाई की गई लाइटें बिचौलियों और ब्लॉक अधिकारियों के करीबी एक ग्राम प्रधान द्वारा चिन्हित किये गए सरपतहा थाने रोड़ स्थित एक व्यक्ति के घर में रखवाई गयीं। घर से उक्त लाइटें ग्राम पंचायतों में न भेजकर बेच दी गयी। उक्त लाइटों की सप्लाई के बाद पीड़ित ठेकेदार भुगतान के लिए चक्कर काट रहा है। थक हारकर जब गाजीपुर निवासी ठेकेदार राम प्रवेश चौहान ने खंड विकास अधिकारी सुईथाकला सर्वेश मोहन श्रीवास्तव से भुगतान के सम्बंध में बात की तो उन्होंने भुगतान करने से इनकार कर दिया।
 खंड विकास अधिकारी की मानें तो स्ट्रीट लाइट के लिए उनके द्वारा किसी भी तरह का कोई सप्लाई आर्डर नहीं जारी किया गया हैं। जिस सप्लाई आर्डर पर फर्म को किया गया है वह सभी कागजात फर्जी है। इन सभी कार्यों पर मेरा हस्ताक्षर नहीं है। मुहर वगैरह बाहर बनवा कर कोई जालसाज किया होगा ब्लॉक अधिकारियों द्वारा स्ट्रीट लाइट के लिए सप्लाई आर्डर को फर्जी करार देने के बाद ठेकेदार के पैरों तले जमीन खिसक गई। पीड़ित ठेकेदार ने दिनांक 13 अप्रैल 2023 को सरपतहां थाने में  तहरीर देकर कार्रवाई की मांग किया। लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर पीड़ित ने मुख्यमंत्री जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई तब जाकर सरपतहा पुलिस की आंख खुली और थाने पर तैनात नायब दरोगा प्रेम बहादुर सिंह को जांच सौंपी इस सम्बंध में पुलिस सूत्रों की माने तो ब्लॉक अधिकारियों की मिली भगत से ठेकेदार के साथ धोखाधड़ी की गई है। 
बहरहाल इतना बड़ा जालसाजी बैगर बिभाग के अधिकारी कर्मचारियों के मिलीभगत से सम्भव नही है वहीं सूत्रों की माने जिस प्रधान के उपर आरोप लग रहा है वह पहले भी धोखाधड़ी हत्या समेत बिभिन्  आपराधिक मामलों का आरोपी हैं फिलहाल समाचार लिखे जाने तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं है ।
      मामले में तहरीर पड़ी है बिधिक कार्यवाही की जा रही है


लक्ष्मण विक्रम सिंह
थाना प्रभारी सरपतहा

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