कटघरे में मजलिस ए अशरा के अंतिम दिन उठा जुलूस

जौनपुर। नगर के कटघरा में नसीर हाउस का 39वां क़दीमी अशरा ऐ मजलिस माह ए सफर का जुलूस उठा। बता दें कि क़दीमी अशरा ऐ मजलिस माह ए सफर में तक़रीबन 39 सालों से होती रही है| अपने बुज़ुर्गों की क़ायम की गयी इस ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए  अहसन रिज़वी उर्फ़ नजमी ने इस साल भी पहली सफर से दस सफर तक यह अशरा क़ायम रखा जिसमें नौ उलेमा और ज़किरीन ने पैगाम ए इंसानियत दिया। उन्होंने लोगों को पैगम्बर ए इस्लाम हज़रत मुहम्मद के नवासे की कर्बला में शहादत का मक़सद बताया और लोगों को हिदायत दी कि अगर वह इमाम हुसैन के इंसानियत पे पैगाम पर चले और इसे आगे बढ़ाएं तो दुनिया में भी शांति रहेगी और आख़िरत में भी कामयाबी मिलेगी| मजलिसों की खिताबत का काम जौनपुर के मशहूर उलेमा और ज़किरीन ने किया|

ज़ाकिर ए अहलेबैत असलम नकवी, मौलाना सय्यद सफदर ज़ैदी किब्ला, मौलाना उरूज हैदर किबला, ज़ाकिर ए अहलेबैत मौलाना अली अब्बास हायरी, मौलाना महफ़ूज़ल हसन किबला, ज़ाकिर ए अहलेबैत डॉ. कमर अब्बास, मौलाना हसन अकबर खान, मौलाना तनवीर हैदर खान, ज़ाकिर ए अहलेबैत मोहम्मद हसन नसीम साबिक प्रिंसिपल आरडीएम शिया कॉलेज की उपस्थिति में सोजख्वानी मेहताब और साथियों ने किया। पेशख्वानी का काम तालिब राजा अधिवक्ता और मिर्ज़ा मोहम्मद बादशाह ने अंजाम दिया| इस अवसर पर हुसैन नसीर एहेसन रिजवी नजमी, मोहसिन, फैसल, फ़राज़, मिर्ज़ा बाबर, यावर खान, अहमद, तहसीन अब्बास, जावेद सुल्तान आदि उपस्थित रहे। मजलिस के अंतिम दिन बाद मजलिस अलम हज़रत अब्बास अलमदार और तुर्बत ए सकीना की ज़ियारत की और नाम आँखों से नौहा अंजुमन ए बज़्म ए अज़ा ने पढ़ा।

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