भगवान श्रीकृष्ण के जन्म होते ही टूट गये कारागार के ताले: जय किशोर

जफराबाद, जौनपुर। भगवान श्रीकृष्ण जी ने जैसे ही कारागार में देवकी के गर्भ से जन्म लिया। कंस के कारागार सभी ताले टूट गये। यह बातें रविवार को वीरभानपुर गांव में रमेश चन्द्र मिश्र के आवास पर चल रही श्रीमद भागवत कथा में प्रवचन करते हुए काशी से आये पंडित जय किशोर शास्त्री ने कही।

उन्होंने आगे कहा कि वासुदेव की बेड़िया खुल गयी। पहरेदार सो गये। जब वासुदेव भगवान को उस काली घनघोर अंधेरी रात को लेकर नंद जी के घर गोकुल जाने लगे तो नदी का पानी घुटनों तक हो गया। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बचपन की जो लीला माता यशोदा के साथ बिताया वह अद्वितीय थी। उन्होंने अपने बचपन मे ही पूतना जैसी राक्षसनी को मारकर कंस को संदेश भेज दिया था।
उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने अपने गोकुल प्रवास के दौरान ही अपनी कई लीलाओं से गोकुल के लोगों का मन मे बस गये। वह लीला चाहे पूतना वध हो, कालिया नाग का मान मर्दन हो, गोवर्धन पर्वत उठाने से सभी गोकुल के लोग के दिल में रच बस गये। गोकुल की नारियां तो प्रभु के दर्शन के लिए बहाना बनाकर माता यशोदा के घर पहुंच जाती थी। श्री शास्त्री ने कहा कि भगवान की भक्ति करने वालो की भगवान खुद आकर रक्षा करते हैं।
इसके पहले श्री शास्त्री जी का रमेश चन्द्र मिश्र, श्याम नारायण पाठक, मनमोहन मिश्रा, रमेश चन्द्र जायसवाल, ईश नारायण तिवारी, सन्तोष मिश्र, अनिल पाठक, बबलू पाठक, रोहित मिश्र आदि ने माल्यर्पण करके स्वागत किया। इस अवसर पर सन्तोष मिश्र,प्रदीप श्रीवास्तव,विवेक सिंह,अंकित श्रीवास्तव आदि रहे।

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