जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा आकस्मिक निरीक्षण कर दिलायी गयी “स्वच्छता शपथ”

जौनपुर। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा0 गोरखनाथ पटेल द्वारा “स्वच्छता पखवाड़ा” कार्यक्रम के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, वि0क्षे0-शाहगंज का आकस्मिक निरीक्षण खण्ड शिक्षा अधिकारी शाहगंज, एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी सुईथाकला के साथ किया गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा “स्वच्छता पखवाड़ा” कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालय मे कार्यरत समस्त शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं अध्ययनरत छात्राओं, विद्यालय प्रांगण मे उपस्थित समस्त गणमान्य नागरिकों को “स्वच्छता शपथ“ दिलाते हुये विद्यालय प्रांगण की साफ-सफाई करते हुए स्वच्छता के महत्व एवं लाभ के सम्बंध में अवगत कराया गया।

  जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि स्वच्छता स्वस्थ जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्वच्छता की आदत हमारी परंपरा और संस्कृति में है। व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वच्छता और नैतिक स्वास्थ्य के बीच घनिष्ठ संबंध है। व्यक्तिगत स्वच्छता को शरीर और आत्मा की पवित्रता का प्रतीक माना जाता है जो स्वस्थ और आध्यात्मिक संबंध प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। स्वच्छ भारत अभियान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा चलाया जा रहा है, जिसके तहत आसपास के क्षेत्र में स्वच्छता को बनाए रखने और भारत को एक स्वच्छ भारत बनाने की अपील जनमानस से की गयी है।
              स्वच्छता दृष्टिकोण का विषय है जो आम लोगों में उचित जागरूकता के माध्यम से संभव है। स्वच्छता एक ऐसा गुण है जिसे सभी आयु वर्ग के लोगों के बीच प्रचारित किया जाना चाहिए। उचित और नियमित सफाई से अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, खुशी, आत्मा और मन की पवित्रता आती है। शरीर और मन की सफाई आध्यात्मिक और सकारात्मक विचार प्रदान करती है और साथ ही प्रकृति से आसानी से जुड़ने में मदद करती है। जो लोग अपनी स्वच्छता को बनाए नहीं रखते हैं वे आमतौर पर शारीरिक समस्याओं, मानसिक अशांति, बीमारियों, नकारात्मक विचारों आदि जैसे कई कारणों से ग्रस्त रहते है। दूसरी ओर, वे लोग जो अपनी स्वच्छता और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखते हैं, वे हमेशा खुश रहते हैं क्योंकि वे सकारात्मक विचारों का विकास करते हैं। अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए वास्तव में शरीर की सफाई बहुत आवश्यक है। मन की सफाई हमें मानसिक रूप से स्वस्थ रखती है और मनोवैज्ञानिक समस्याओं से बचाती है। पूर्ण स्वच्छता गंदगी और बीमारियों से दूर रहती है क्योंकि दोनों एक साथ चलते हैं, जहाँ गंदगी है वहाँ बीमारियाँ हैं। रोग पैदा करने वाले कीटाणु प्रजनन करते हैं और गंदगी में बहुत तेजी से बढ़ते हैं जो संक्रमण या विभिन्न महामारी जैसे कि हैजा का कारण बनता है। इसलिए स्वस्थ, सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए हम सभी को जीवन के हर पहलू में स्वच्छ आदतों का अभ्यास करना चाहिए क्योंकि गंदगी नैतिक बुराई का प्रतीक है जबकि स्वच्छता नैतिक शुद्धता का प्रतीक है।
                जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त कथनों के साथ विद्यालय प्रांगण मे उपस्थित समस्त अधिकारी वर्ग, शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, छात्राओं एवं गणमान्य नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। विद्यालय प्रांगण मे उपस्थित समस्त अधिकारी वर्ग, शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, छात्राओं एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा एक स्वर मे आत्मानुभूति के साथ “स्वच्छ भारत” के निर्माण हेतु अपनी नैतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन एवं अन्य सामान्य नागरिकों को जागरूक करनें की शपथ ली गयी।

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