ओबैदुर्रहमान में राजीव गांधी हत्याकांड एवं रोनी के केस में संसद भवन पर हमले का दिया गया था हवाला

हिमांशु श्रीवास्तव, एडवोकेट

जौनपुर । 28 जुलाई 2005 का श्रमजीवी विस्फोट कांड के मामले में ट्रेन में बम रखने के बांग्लादेशी आतंकी रोनी उर्फ आलमगीर को तत्कालीन अपर सत्र न्यायाधीश बुद्धिराम यादव ने 30 जुलाई 2016 को तथा खड्यंत्र के आरोपित ओबैदुर्रहमान निवासी बांग्लादेश को 31 अगस्त 2016 को मृत्युदंड से दंडित किया गया था। आतंकी रोनी को सजा सुनाई जाने के समय कोर्ट ने नवजोत संधू वाले प्रकरण जिसमें संसद भवन पर हमले में कई लोगों की मौत हुई थी, उसका हवाला दिया गया था जिसमें आतंकवादियों की गोली से नौ लोगों की मृत्यु हुई थी व 16 लोग घायल हुए थे। बांग्लादेशी आतंकी रोहिणी पर हिलाल के साथ श्रमजीवी ट्रेन में बम रखने का आरोप था।इसके अलावा अन्य विधि व्यवस्थाओं का हवाला दिया गया था।इसी प्रकार आतंकी ओबैदुर्रहमान को सजा सुनाये जाते समय राजीव गांधी हत्याकांड स्टेट बनाम नलिनी 1999 दिया गया था जिसमें 21 मई 1991 को लिट्टे आतंकियों द्वारा प्रधानमंत्री राजीव गांधी समेत 15 व्यक्तियों की मानव बम ब्लास्ट से हत्या की गई थी। इसमें षड्यंत्र को परिभाषित किया गया था। मामले में नलिनी,संथन मुरुगन आदि को मृत्युदंड से दंडित किया गया था। ओबैदुर्रहमान ने मुठभेड़ में मारे गए याहिया के साथ बम बनाया था। दोनों लश्कर ए तैयबा से जुड़े हुए थे।

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