जानिए क्यों मिला प्रीति श्रीवास्तव को राज्य शिक्षक पुरस्कार, बधाईयां देने वालो का लगा ताता

जौनपुर। राज्य शिक्षक पुरस्कार लेकर वापस जौनपुर लौटी प्राथमिक स्कूल की टीचर प्रीति श्रीवास्तव को सम्मानित करने तथा उन्हे बधाईयां देने वालों का सिविल लाइन स्थित उनके आवास पर ताता लग गया है। शिक्षक, अधिवक्ता, समाजसेवी तथा कायस्थ्य संगठनों से जुड़े लोग उनके घर पहुुंचकर शुभकामनाएं दे रहे है। 

नगर के सिविल लाइन मोहल्ले के निवासी व संत परमहंस इण्टर कालेज के प्रिंसपल अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव की पत्नी प्रीति श्रीवास्तव को शिक्षक दिवस के मौके पर लखनऊ स्थित लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया। यह सम्मान प्राप्त करने के बाद वापस लौटने पर इस प्रतिभावान शिक्षिका का पूरे जिले में तारीफ हो रही है। शिक्षक समुदाय से लेकर हर वर्ग उनके आवास पर पहुंचकर बधाईयां व शुभकामनाएं दे रहा है। 

प्रीति श्रीवास्तव ने मीडिया से बातीचीत में बतायी कि मैं भदोही जिले से तबादला होकर जिले में आयी थी तो मुझे बक्शा ब्लाक के रन्नो कम्पोजिट विद्यालय में तैनात किया गया। उस समय इस स्कूल में पढ़ाई लिखाई का माहौल ठीक नही था। यह इलाक मुस्लिम बाहुल होने के कारण तमाम बंदिशे भी थी। लेकिन मैने प्रयास करके इस गांव में शिक्षा की अलख जगायी। जिसका परिणाम रहा कि दहायी छात्र संख्या वाला यह स्कूल एक ही वर्ष में सैकड़ा पार गया अब तो कान्वेंट स्कूल से अपना नाम कटवाकर मेरे स्कूल में बच्चे दाखिला ले रहे है। 

प्रीति ने बताया कि कोविड काल में जब सब कुछ बंद हो गया था बच्चो की पढ़ाई जारी रखने के लिए मेरे द्वारा राज्य स्तरीय स्वप्रेरित समूह एडूस्टफ का गठन किया गया। जिसके माध्यम से बच्चो का ऑफ लाइन पढ़ाई कराया गया। कक्षा 6,7 और 8 तक पाठ्य पुस्तक हमारे आदर्श के सभी पाठो का डिजिटल कांटेंट का निर्माण की। शिक्षको तथा बच्चों के क्षमता संवर्धन हेतू अनेकों राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय ऑफलाइन, ऑनलाइन कार्यशालाओं का आयोेजन करायी। 

बच्चो की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन क्लासेज, यूट्यूब सेशन करवाई। प्रदेश में पहलीबार फेसबुक लाइव द्वारा निःशुल्क ऑनलाइन समर कैंप का आयोजन मेरा द्वारा कराया गया। 

बच्चो का ज्ञानवर्धन के लिए कला क्राफ्ट पपेट्री संगीत आईसीटी का शिक्षण में भरपूर प्रयोग हुआ। 

विद्यालय में सामुदायिक सहयोग से डेस्क बेंच, प्रोजैक्टर, ड्रेस और किताबें की सुविधाएं उपलब्ध करवाई। नामाकंन,ठहराव तथा बच्चो का अधिगमन स्तर बढ़ाने के लिए स्कूल में कला, कौशल क्लब, सांस्कृतिक क्लब, संगीत चिकित्सा जैसी कई नवाचार का अनोखा प्रयोग कराया गया। जिसका परिणाम है कि स्कूल में बच्चो का नामाकंन तथा ठहराव बढ़ा है। प्राइवेट स्कूलों के बच्चे नामाकंन कराने आ रहे है। प्रतियोगी परीक्षाओ में बच्चो का चयन हुआ है। 

आज रन्नो कम्पोजिट विद्यालय की एक अलग पहचान बक्शा ब्लाक से लेकर प्रदेश स्तर बन गया है।


पुरस्कार लेकर लौटने पर आज कायस्थ कल्याण समिति के सम्मानित संस्थापक, संरक्षक, एव पदाधिकारियों ने उनके आवास पर जाकर बधाई एवं शुभकामनाएं दिया। बधाई देते हुए  प्रदीप अस्थाना ने कहा कि आपकी इस सफलता से कायस्थ समाज अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

 प्रदीप श्रीवास्तव' डी ओ 'ने कहा हम सभी ईश्वर से प्रार्थना करते है कि आप निरन्तर इसी प्रकार नई ऊंचाइयों को प्राप्त करती रहे। प्रदीप श्रीवास्तव 'पप्पू जी' ने कहा कि मेरी जानकारी में कायस्थ समाज  को राज्य  शिक्षक पुरस्कार जनपद में पहली बार प्राप्त करने का श्रेय श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव को ही जाता है।अध्यक्ष दयाल सरन ,महासचिव विपनेश श्रीवास्तव, सचिव गणतंत्र  श्रीवास्तव ,कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय पदाधिकारी रवि श्रीवास्तव ने भी शुभकामनाएं दिया।

इस अंदाज में बच्चो को पढ़ाती है प्रीति श्रीवास्तव

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