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जौनपुर में गरीबी बेबसी और वीमारी एक परिवार पर मौत का कहर बनकर बरस रही है। तीन सालो में तीन बेटो की अर्थी को कन्धा देकर अंतीम विदाई देने वाले माँ बाप भी कल रात एक साथ दुनियां से चल बसे। अब इस कुनबे के बाकी बचे दो लोग माँ बाप और तीन भाइयो की मौत से थर्राने लगे है। ये लोग भी टीबी जैसी गंभीर वीमारी से पीड़ित है
जौनपुर जिले के मुंगरबादशाहपुर थाना क्षेत्र के मादरडीह गाँव के निवासी लालचंद्र बिन्द उसकी पत्नी चन्द्रा देवी और पांच बच्चो के साथ हंसी ख़ुशी से रहता था। करीब पांच साल पहले वह टीबी जैसी गंभीर वीमारी से पीड़ित हो गया अभी वह अपना इलाज करा ही रहा था इसी बीच इस रोग ने पुरे परिवार को अपने आगोश में ले लिया। अपना और बीबी बच्चो का इलाज कराते कराते लालचन्द्र पूरी तरह से कंगाल हो गया उसने अपनी दस विस्वा जमीन को गिरवी रख दिया और उसका एक एक रोआ कर्जदार हो गया।ऐसी स्थिति में दवा तो दूर की बात खाने के भी लाले पड़ गये ।दवा और भूख के कारण धीरे धीरे सबकी हालत बिगड़ने लगी एक एक कर काल के गाल में समाते गये बेबस बाप अपने बेटो की लासो को कन्धा देता रहा।
आखिरकार कल रात एक साथ लालचन्द्र और उसकी पत्नी चन्द्रा देवी इस दुनियां से चल बसी.। अब लालचन्द्र के दो बेटे बचे है वे भी इसी रोग से बुरी तरह से पीड़ित है.। माँ बाप और तीन भाइयो की मौत ने इन्हें दहला दिया है गाँव वालो ने अपनी क्षमता के अनुसार इस परिवार की पूरी मदद किया था पर वह काफी कम था । जिसके चलते एक परिवार के पांच लोग बे मौत मारे गए.। गाँव वाले नेता मंत्रियो समेत स्वास्थ विभाग और जिला प्रशासन को दोषी ठहरा रहे है लालचन्द्र के घर में अन्न का एक दाना भी नही था उधर जिलाधिकारी सुहास एलवाई का दावा है उसके पास खाने पीने की मुक्मल व्यस्था है जो लोग मरे वो लापरवाही के कारण खुदा को प्यारे हुए है एक तरफ केद्र सरकार का दावा ही देश में कोई गरीब नही है और 12 रूपये में लोग अपना पेट भर सकते है और यूपी सरकार सबको मुफ्त दवाई देने का दम्भ भरता है क्या यही है दोनों सरकारों का सच ?