यहां 300 साल पहले लगता था 'वेश्याओं' का दरबार
https://www.shirazehind.com/2013/08/300.html
REPORT- RANJAY KUMAR . VARANASI
वाराणसी. देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में संगीत के शौकीनों का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। तंग गलियों में घुघरूओं की झंकार और तबले की थाप मानो हर रईस को लुभाती थी। हम जिस हवेली के बारे में आपको बताने जा रहे हैं इसका इतिहास 300 वर्षों से भी पुराना है। खास बात यह है कि स्वर्गीय गोपाल दास ने इस हवेली को विशेष तौर पर वेश्याओं के नृत्य दरबार (बारादरी) के लिए बनवाया था।
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