भक्तों के दुख हरण करने के लिये भगवान कीं तरह-तरह की लीलाएं : आनन्द कृष्ण


जौनपुर। भगवान श्रीकृष्ण ने 16108 विवाह भागवत का आयोजन पूर्ण करते हुये अवतार लेकर भक्तों के दुख हरण करने के लिये तरह-तरह की लीलाएं कीं। इसमें परीक्षित के श्राप का वर्णन, शुकदेव का आगमन, भगवान वामन का जन्मोत्सव, कृष्ण जन्मोत्सव, भगवान गिरिराज महाराज का जन्म, छप्पन भोग शामिल है। उक्त विचार शाहगंज नगर के खुटहन मार्ग के निवासी एवं उच्च न्यायालय इलाहाबाद के अधिवक्ता वीरेन्द्र यादव के आवास पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमदभागवत् कथा के दौरान राष्ट्रीय संत आनन्द कृष्ण शास्त्री जी ने व्यक्त किया। अमृतमयी वर्षा करते हुये उन्होंने कहा कि सभी प्रसंग एक ही बात की प्रेरणा देती है कि नटखट गोपाल, नन्द लाल, माखन चोर, मुरलीधर, कृष्ण कन्हैया आप जिस रूप में भी उसी भक्ति करेंगे, वह हर रूप में आप पर अपनी कृपा बरसाता रहेगा। इस दौरान रूक्मणि-कृष्ण विवाह, सुदामा चरित्र आदि को मनाने के बाद महाराज जी ने कहा कि जो भी व्यक्ति श्रीमदभागवत् कथा करवाता है, उसका पितृ मोक्ष एवं कलियुग दमन की प्राप्ति होती है एवं मन को शांति मिलती है। इसके पहले कथा का शुभारम्भ हवन-पूजन से हुआ जहां संचालन शिक्षक राजेश मिश्र ने किया। समाजसेवी मधुबन यादव की स्मृति में आयोजित श्रीमदभागवत कथा में डा. दिवाकर सिंह, दमयंती सिंह, राजेश यादव, रानी मिश्र, काशी मिश्र, किसमत्ती देवी, इन्द्रराज यादव, डा. रमेश सिंह, सत्य नारायण मिश्र, सत्येन्द्र यादव, विजय यादव, राजेन्द्र यादव, रमेश यादव, कपिलदेव मिश्र, विश्वनाथ यादव सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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