‘ईसा राम गुरू संग रहीम रहे, मेरे मालिक मुझे वह वतन चाहिये.............’
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जौनपुर। इण्टरनेशनल वैश्य फेडरेशन की जनपद इकाई के बैनर तले नगर पालिका के टाउन हाल के मैदान पर कवि सम्मेलन एवं होली मिलन समारोह का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता गुजरात से पधारे फेडरेशन के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश लोहिया ने किया जबकि नपाप अध्यक्ष दिनेश टण्डन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इसी क्रम में विशिष्ट अतिथि गुजरात से पधारे राष्ट्रीय सदस्य राजेश भारूका, राजू खण्डेलवाल, सुभाष मित्तल व मनोज अग्रहरि रहे। इस मौके पर श्री लोहिया ने संगठन के संदर्भ में प्रकाश डालते हुये बताया कि फेडरेशन का उद्देश्य वैश्य समाज को एक सूत्र में पिरोने पर बल दिया। इसके पहले आयोजन समिति द्वारा सभी मंचासीन अतिथियों को अंगवस्त्रम् व स्मृति चिन्ह प्रदान कर माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में आयोजित कवि सम्मेलन की शुरूआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित से हुआ जिसका संचालन महाराष्ट्र के अमरावती से पधारे ओज कवि डा. किरन जोशी ने किया। इस दौरान जहां श्री जोशी ने ‘मैं भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव के हाथों का बम बनना चाहता हूं, मुझे वही बम बनेन दो रक्त की धारा में मुझे मत बहने दो’ सुनाकर लोगों में जोश भरा, वहीं मध्य प्रदेश के इटारसी से आये हांस्य व्यंग्यकार राजेन्द्र मालवीय आलसी ने ‘हम अपनी जिंदगी के अनुभव का इस तरह बखान करते हैं कि पहले जब हम बच्चे थे तो अपने बाप से डरते थे, आज हम बाप हैं लेकिन अपने बच्चों से डरते हैं’ सुनाया तो खूब ताली बजी। साथ ही भोपाल से पधारे गौरीशंकर धाकड़ ने ‘ईसा राम गुरू संग रहीम रहे, मेरे मालिक मुझे वह वतन चाहिये’ सुनाकर तालियों की गड़गड़ाहट से पण्डाल को हीला दिया। मध्य प्रदेश के छिन्दवाड़ा से पधारे हास्य कवि जगदीश यादव ने ‘अपने जख्मों को आईना बनाया हमने, आपको आपकी तस्वीर दिखाने के लिये’ सुनाया। नागपुर से पधारीं किरन खुशबू ने श्रृंगार रस की कविता पढ़ी। प्रखर जौनपुरी ने ‘मांगने से भीख भी मिलती नहीं, प्यास से चाहे किसी का दिल भी चुरा ले’ सुनाया। अन्त में प्रकाण्ड विद्वान डा. पीसी विश्वकर्मा ‘प्रेम जौनपुरी’ ने ‘कुछ भी नजर नहीं आता है, कौन बदतर है और कौन बेहतर है’ सुनाकर कार्यक्रम की समाप्त किया। इस अवसर पर अशोक बैंकर्स, सुनील सेठ, विनोद अग्रहरि, मुकेश कुमार, अनिल मद्धेशिया, सुधीर साहू, आलोक गुप्ता, राकेश श्रीवास्तव, लाले यादव, आशीष चैरसिया, केके वैश्य, मोनू सेठ, संजय बैंकर, विकास अग्रहरि, किरन श्रीवास्तव सहित सैकड़ों उपस्थित रहे। अन्त में आयोजक सुभाष अग्रहरि ने समस्त आगंतुकों व सहयोगियों के प्रति आभार जताया।