नारी शक्ति की सर्वोच्चता का प्रतीक है नवरात्रि
https://www.shirazehind.com/2014/04/blog-post_9724.html
जौनपुर। बासंतिक नवरात्रि के मद्देनजर रिजवी खां में आयोजित विचार गोष्ठी में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि पावन नवरात्रि दिव्य है तथा नारी शक्ति की सर्वोच्चता का प्रतीक है। शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, कुष्मांडा, चन्द्रघण्टा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री सृष्टिदात्री 9 प्रकार की प्रकृति एवं नारी शक्ति की प्रतीक हैं जो सृजन, क्रोध, वीरता, धन, सम्पदा, ऐश्वर्य, वरदान, अभय, प्रसन्नता, संहार आदि गुणों का प्रतीक है। ज्योतिषी डा. दिलीप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में प्राचार्य डा. आरडी सिंह, पीओ हरिकेश मिश्र, प्रबंधक जनार्दन सिंह, अधिवक्ता प्रेम प्रकाश मिश्र, इं. दिव्येन्दु सिंह, दुर्गेश पाठक, राजकुमार, सुरेश सोनकर ने कहा कि संधिवेला में पड़ने वाला महापर्व नवरात्रि 9 दिन के पूजन-हवन से शुद्ध हो जाता है। अन्त में श्री सिंह ने कहा कि 9 दिन संक्रामक रोगों एवं अपच की समस्या के चलते मिर्च, मसाला, तेल, साबुन, बाल बनाना आदि त्याग देते हैं जो पूर्ण वैज्ञानिक एवं व्यवहारिक है। इस अवसर पर स्वयंसेविका पद्मा सिंह, डा. ज्योत्सना, डा. विमला, राजेन्द्र यादव, मनीष, सुनील दूबे एडवोकेट, सलीम, कुर्बान, रूस्तम सहित अन्य उपस्थित रहे।