रिटायर्ड शिक्षको को सम्मान के साथ दी गई विदाई
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सर्वप्रथम कैबनेट मंत्री ने सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मुख्य अतिथि को सैकड़ों शिक्षक नेता एवं प्रधानाचार्य/अध्यापकों द्वारा माल्यार्पण कर एवं बुके देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ने सम्बोधित करते हुए शानदार सम्मान समारोह आयोजित करने के लिए आयोजक मण्डल को बधाई दिया। उन्होंने कहा कि विधि का विधान है कि जो शिक्षक एक दिन कार्यभार ग्रहण किया है उसे एक दिन अवकाश ग्रहण करना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि बड़े भाग्य से मनुष्य का शरीर प्राप्त होता है उसमें भी शिक्षक का स्थान भगवान से भी बड़ा है। अभी तक आप सब शिक्षक के दायरे में रहकर कार्य कर रहे थे अब आप सब पूरे समाज के लिए कार्य कर सकते है।भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। समाज उसी को याद करता है जो इतिहास बनाता है।सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में आगे आये। जिस देश/समाज में पढ़ालिखा व्यक्ति बोलना बन्द कर देता है वह देश गुलामी की तरफ जाता है। आपके अच्छे कार्यो का अनुसरण आने वाली पीढ़ी याद करेगी।
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों से कहा कि आप सेवा से निवृत्त हो रहे हैं जिन्दगी से नही। शिक्षा के बिना आदमी पशु के समान होता है। शिक्षा के बिना किसी भी देश का विकास सम्भव नही हैे। आपसब अपना योगदान समाज सेवा में लगाये। शिक्षक नेता रमेश सिंह,डा0 राकेश सिंह, संतोष कुमार सिंह, डा0जयप्रकाश सिंह, डा0जंगबहादुर यादव, लेखाधिकारी विनय कुमार राय,सपा नेता श्यामअवध पाल ने अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त किये। शिक्षक नेताओं ने सरकार के इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रसंशा की।
अध्यक्षीय सम्बोधन करते हुए प्रधानाचार्य डा0 रणजीत सिंह ने कहा कि अभी तो हम जवान है।जिलाधिकारी से अपील है कि अवकाश प्राप्त शिक्षको की निःशुल्क सेवा प्रशासन के किसी भी कार्य के लिए ले सकते है। इसके लिए हमसब तैयार है। कार्यक्रम का संचालन प्रधानाचार्य राकेश कुमार श्रीवास्तव ने किया। आभार जिला विद्यालय निरीक्षक भास्कर मिश्र ने व्यक्त किया।