दनदनाती निकल जाती हैं पशुओं से लदी ट्रकें
https://www.shirazehind.com/2014/08/blog-post_110.html
चंदवक (जौनपुर): एक तरफ जहां शासन-प्रशासन पशु तस्करी रोकने के लिए
समय-समय पर फरमान जारी करता है वहीं क्षेत्र से आए दिन वध हेतु जा रही
पशुओं से लदी गाड़ियों को देखकर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और तस्करी की
गाड़ी को धर दबोचा। क्षेत्र से सप्ताह में तीन दिन वध हेतु पशुओं से लदी
ट्रकें दनदनाती निकल जाती हैं और सहायता करता है एक चर्चित सिपाही। पशु
तस्करी के लिए गाजीपुर-जौनपुर मार्ग सबसे मुफीद साबित हो रहा है।
वैसे जौनपुर गाजीपुर मार्ग से पशु तस्करी का धंधा बहुत पुराना है परंतु पुलिस प्रशासन की सक्रियता से समय-समय पर रोक लग जाती है। जब पुलिस निष्क्रिय या सहयोगात्मक रवैया अपनाती है तो धंधा जोरों पर शुरू हो जाता है। विगत कुछ महीनों से तस्करी के धंधे में तेजी आई है। एक तरफ जहां रात्रि में बुधवार, शनिवार व रविवार वध हेतु पशुओं से लदी ट्रकें इतनी तेजी से जाती हैं कि देखते ही लोगों में सिहरन पैदा हो जाती है। वहीं बेखौफ पशु तस्कर दिन में भी पशुओं से लदी गाड़ियां पास कराने लगे। जिससे काफी दिनों से देखते-देखते ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और रविवार को रतनूपुर बाजार में पशुओं से लदे वाहन को पकड़ लिया। पशु तस्कर व चालक फरार हो गए।
काबिलेगौर है कि सुल्तानपुर जनपद से पशुओं से लदे वाहन जौनपुर-गाजीपुर होते हुए बिहार जाते हैं। थाने के सामने से गुजरते हैं। जानकारों का कहना है कि एक चर्चित सिपाही ही पशु तस्करों एवं पुलिस अधिकारियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। इसी सिपाही की करतूतों से आजिज एक थानाध्यक्ष ने कुछ माह पूर्व कड़ाई बरती व खुफियागिरी कर पशुओं से लदी गाड़ी को पकड़कर पशु तस्करों को जेल भेजा था।
वैसे जौनपुर गाजीपुर मार्ग से पशु तस्करी का धंधा बहुत पुराना है परंतु पुलिस प्रशासन की सक्रियता से समय-समय पर रोक लग जाती है। जब पुलिस निष्क्रिय या सहयोगात्मक रवैया अपनाती है तो धंधा जोरों पर शुरू हो जाता है। विगत कुछ महीनों से तस्करी के धंधे में तेजी आई है। एक तरफ जहां रात्रि में बुधवार, शनिवार व रविवार वध हेतु पशुओं से लदी ट्रकें इतनी तेजी से जाती हैं कि देखते ही लोगों में सिहरन पैदा हो जाती है। वहीं बेखौफ पशु तस्कर दिन में भी पशुओं से लदी गाड़ियां पास कराने लगे। जिससे काफी दिनों से देखते-देखते ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और रविवार को रतनूपुर बाजार में पशुओं से लदे वाहन को पकड़ लिया। पशु तस्कर व चालक फरार हो गए।
काबिलेगौर है कि सुल्तानपुर जनपद से पशुओं से लदे वाहन जौनपुर-गाजीपुर होते हुए बिहार जाते हैं। थाने के सामने से गुजरते हैं। जानकारों का कहना है कि एक चर्चित सिपाही ही पशु तस्करों एवं पुलिस अधिकारियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। इसी सिपाही की करतूतों से आजिज एक थानाध्यक्ष ने कुछ माह पूर्व कड़ाई बरती व खुफियागिरी कर पशुओं से लदी गाड़ी को पकड़कर पशु तस्करों को जेल भेजा था।

