उड़ाओ बसद कम, आज पहली है माहे अजा की

 जौनपुर।  'ऐ मोमिनों खाक उड़ाओ बसद कम, आज पहली है माहे अजा की।' इस नौहे के साथ रविवार से 10 दिवसीय गमों के महीना मुहर्रम पर मातम शुरू हो गया है। इमामबाड़ों, इमाम बारगाहों में शहनसीन सजा दी गई है। देश-विदेश में रहने वाले लोग इस पर्व में शामिल होने के लिए अपने-अपने घरों को पहुंच चुके हैं।
जौनपुर का मुहर्रम देश में एक प्रमुख माना जाता है। मातम और अलम में हैदराबाद और लखनऊ के बाद इस जनपद का ही शुमार होता है। अशरा मजलिशे मुहर्रम की पूर्व संध्या से ही शुरू हो गई हैं। महिलायें चूड़ियां तोड़कर घर में सजे अजाखानों के सामने नौंहा मातम कर रही हैं। मजलिशों में कर्बला के दर्दनाक मंजर पर लोग चीख रहे हैं और दहाड़ मारकर रो रहे हैं। मजलिश और सीनाजनी के बाद तवर्रुक बांटा जा रहा है।
यहां की अजादारी प्रदेश में अपना अलग स्थान रखती है। इसमें भाग लेने के लिए लोग दूर- दराज से आ गए हैं। चूंकि इसे देश की अजादारी का मरकज कहा जाता है, इसलिए भीड़ ज्यादा होती है। पहली मोहर्रम को बाजार भुवा से जुलूस अलम निकलता है और मुफ्ती मोहल्ला में अंगारों पर मातम होता है।

Related

खबरें 5828231496989053357

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item