जलियावाला काण्ड के शहीदो को दी श्रद्धांजलि
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जौनपुर। कलेक्ट्रेट के क्रान्ति स्तंभ पर शनिवार हिन्दुस्तान रिपब्लिकन आर्मी तथा रानी लक्ष्मी बाई बिग्रेड के संयुक्त तत्वावधान में जलिया वाला काण्ड में हुए नर संहार शहीद अमर सपूतों को शहादत में मोमबत्ती जलाकर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी। श्रद्धांजलि सभा क¨ सम्बाधित करते हुए ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि आज ही दिन 1919 में वैशाखी के दिन मेले में ब्रिटिश शासन के अत्याचारी जनरल आईईएच डायर ने अधाधुन्ध गोलियां चलवाकर 400 से अधिक लोगों को मरवा दिया और एक हजार लोग घायल हुए। आज भी 388 अमर शहीदों का नाम जलिया वालाबाग काण्ड में लगी सूची में दर्ज है। वक्ताओ ने कहा कि जलियां वाला काण्ड से निकली चिन्गारी और खून के छीटे दुनियां प्रत्येक राष्ट्र व मानवता इस अमानवीय से झकझोर उठी। इस काण्ड में पहली गोली सीने में खाने वाला एक का मदन गोपाल था। इस सम्पूर्ण घटना से अपनी आंख से देखा उधम सिंह ने जहां एक बावड़ी लाशो से पट गयी। इससे रवीन्द्र नाथ टैगोर ने अपनी सर की उपाधि वापस कर दिया। इस नरसंहार को अंजाम देने वाले जनरल डायर को 21 साल बाद भरी सभा में गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया। वक्ताओ ने कहा कि शहीदो ने इस देश को न केवल आजाद कराया बल्कि ऐसी व्यवस्था की कल्पना की थी कि लोगो को बुनियादी आवश्यकताओ के लिए तरसना न पड़े। लेकिन आजादी के इतने वर्षो बाद भी मंहगाई ,बेर¨जगारी ,भ्रष्टाचार खुदगर्जी का ब¨लबाला है। सभा में जय सिंह, अनिरूद्ध सिंह, राजाराम, धीरज कुमार, अजय सिंह, नीरज कुमार यादव, डा0 धरम सिंह, आदि ने सम्ब¨धित किया।