सरकार की नीति किसान विरोधी: बमुमो
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ज©नपुर। केन्द्र तथा राज्य सरकार की नीतियों को षणयंत्रकारी करार देते हुए बहुजन मुक्ति पार्टी ने मंगलवार को जिलाधिकारी के कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आजाद भारत में कांग्रेस की सरकार ने 1990 में नई आर्थिक नीति के नाम से उदारीकरण, निजी करण, भूमंण्डलीकरण नामक पूंजीपतियों तथा उद्योगपतियों के हित में कानून बनाया। इस कानून के तहत कांग्रेस की सरकार ने राज्य सरकारों के माध्यम से किसानों की जमीन जबरन छीनकर पूजीपतियों को देने का काम किया। जब किसानों व आदि वासियों ने जमीन छीनने का विरोध किया तो निहत्थे किसानो को गोलियों से भुनवा दिया गया। पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश इसके उदाहरण है। पूर्व में प्राविधान था कि सरकार जिस क्षेत्र मं जमीन अधिग्रहण करेगी उस क्षेत्र के 8 प्रतिशत किसानों की सहमति अनिवार्य होनी चाहिए जिसका समर्थन भाजपा सरकार ने उस समय किया था। मगर अब भाजपा की सरकार ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम विधेयक लाकर गरीब किसानों की जमीन छीनना चाहती है। केन्द्र व राज्य सरकार किसानों के विरोध में कृषि नीति बना रही है। प्रतिवर्ष कृषि बजट में कटौती की जा रही है। किसान कर्ज में डूबकर आत्महत्या कर रहे है। प्राकृतिक संसाधनो को उद्योग पतियों बेचने का काम किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि किसानों के बकाये धन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। चीनी मिल मालिकों को घाटे के नाम पर पैकेज देने का काम किया जा रहा है। प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसल बर्बाद हो गयी। उसके मुआवजे के नाम पर जले पर नमक छिड़कने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बाबू राम यादव, जय प्रकाश सोनकर, उदय भान गौतम, महेंन्द्र यादव, रवि प्रकाश, रामजीत, डा0 लालजी पटेल, प्रीतम यादव आदि ने सम्बोधित किया।