जुल्म छोड़ो देश के लिए जीना सीखो , बेटियों की शिक्षा पर दो ध्यान . डा. सादिक
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मुस्लिम पसर्नला ला बोर्ड के उपाध्यक्ष ने मजलिस में मुस्लमानों को दी नसीहत
जौनपुर। आल इंडिया मुस्लिम पसर्नल ला बोर्ड के वाइस चेयरमैन व शिया आलिम डा. कल्बे सादिक ने कहा कि इस्लाम में जुल्म की गुंजाईश नहीं है। शरीयत में इसे सख्ती से मना किया गया है और जो भी लोग आज दुनिया में जुल्म कर रहे हैं वो न तो शरीयत के पाबंद है और न ही इस्लाम में इसकी कोई जगह है। कहा कि जो भी जुल्म पसंद लोग हैं वो मुस्लमान नहीं है। वे शनिवार को जामिया इमाम जाफर सादिक सदर इमामबाडा बेगमगंज में मोहम्मद अहसन लल्लू मरहूम की शरीके हयात के इसले सवाब में आयोजित मजलिस को खेताब कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आप देश के लिए जीना सीखें देश आपको सब कुछ देने के लिए तैयार रहेगा। उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है जिस मुस्लमान ने भी देश के लिए कुछ किया देश ने उसके लिए बहुत कुछ किया। इंसान ने हमेशा महिलाओं को न सिर्फ हमेशा कमतर आंका बल्कि उसे योजना के तहत शिक्षा से वंचित रखा क्योंकि शिक्षा ही ऐसा साधन हैं जो उन्हें आदमियों की बराबरी पर ला कर खड़ा करता है। आज हालात कुछ बदले हैं और महिलाओं ने शिक्षा से लेकर हर क्षेत्र में अपना परचम लहराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी उन्होंने मुस्लामानों से अपील की कि अपनी बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र मे आगे बढ़ायें ताकि आने वाली पीढि़यों का विकास हो सके। औरतों पर हो रहे जुल्म के संबंध में उन्होंने कहा कि कुरान में इसे सख्ती से मना किया गया है और ऐसा करने वाले अल्लाह की नजर में गिर जाते हैं उन्होंने कहा कि धर्म ने जिस चीजों से रोका है उसके वैज्ञानिक कारण है। कहा कि जब एक औरत जुल्म का शिकार होकर तनाव में रहती है तो वह अपने बच्चों की परवरिश सही ढंग से नहीं कर पाती। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कुरान में किसी भी व्यक्ति पर जुल्म की इजाजत नहीं दी है और ऐसा करने वाले किसी धर्म ही नहीं बल्कि इंसानियत से खारिज हैं। उन्होंने कहा कि आज न हिंदु मुस्लमान के खिलाफ है और न ही मुस्लमान हिंदु के , बल्कि कुछ ऐसे संगठन हैं जिनसे दोनो समाज के लोगों को दिक्कतें होती हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वो भावनाओं में न बहकर बुद्धि से काम ले। इसके पूर्व मजलिस की शुरुआत सोजखानी से हुई। इसके बाद शायरों ने अपने कलाम पेश किये। इस मौके पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन जैदी , आल इण्डिया शिया जागरण मंच के अध्यक्ष मौलाना हसन मेहदी ,नजमुल हसन नजमी , कोल्कता के इमाम मौलाना अतहर अब्बास , मौलाना फजले मुमताज़ आले हसन , हसन अब्बास , हसन रिज़वी , आरिफ हुसैनी , हसनैन कमर दीपू , सुहैल असगर खान , असगर जैदी के साथ हजारो की संख्या में लोग मौजूद रहे । अंत में आयोजक हसन मेहदी ने आये हुए लोगो का आभार व्यक्त किया ।
जौनपुर। आल इंडिया मुस्लिम पसर्नल ला बोर्ड के वाइस चेयरमैन व शिया आलिम डा. कल्बे सादिक ने कहा कि इस्लाम में जुल्म की गुंजाईश नहीं है। शरीयत में इसे सख्ती से मना किया गया है और जो भी लोग आज दुनिया में जुल्म कर रहे हैं वो न तो शरीयत के पाबंद है और न ही इस्लाम में इसकी कोई जगह है। कहा कि जो भी जुल्म पसंद लोग हैं वो मुस्लमान नहीं है। वे शनिवार को जामिया इमाम जाफर सादिक सदर इमामबाडा बेगमगंज में मोहम्मद अहसन लल्लू मरहूम की शरीके हयात के इसले सवाब में आयोजित मजलिस को खेताब कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आप देश के लिए जीना सीखें देश आपको सब कुछ देने के लिए तैयार रहेगा। उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है जिस मुस्लमान ने भी देश के लिए कुछ किया देश ने उसके लिए बहुत कुछ किया। इंसान ने हमेशा महिलाओं को न सिर्फ हमेशा कमतर आंका बल्कि उसे योजना के तहत शिक्षा से वंचित रखा क्योंकि शिक्षा ही ऐसा साधन हैं जो उन्हें आदमियों की बराबरी पर ला कर खड़ा करता है। आज हालात कुछ बदले हैं और महिलाओं ने शिक्षा से लेकर हर क्षेत्र में अपना परचम लहराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी उन्होंने मुस्लामानों से अपील की कि अपनी बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र मे आगे बढ़ायें ताकि आने वाली पीढि़यों का विकास हो सके। औरतों पर हो रहे जुल्म के संबंध में उन्होंने कहा कि कुरान में इसे सख्ती से मना किया गया है और ऐसा करने वाले अल्लाह की नजर में गिर जाते हैं उन्होंने कहा कि धर्म ने जिस चीजों से रोका है उसके वैज्ञानिक कारण है। कहा कि जब एक औरत जुल्म का शिकार होकर तनाव में रहती है तो वह अपने बच्चों की परवरिश सही ढंग से नहीं कर पाती। आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कुरान में किसी भी व्यक्ति पर जुल्म की इजाजत नहीं दी है और ऐसा करने वाले किसी धर्म ही नहीं बल्कि इंसानियत से खारिज हैं। उन्होंने कहा कि आज न हिंदु मुस्लमान के खिलाफ है और न ही मुस्लमान हिंदु के , बल्कि कुछ ऐसे संगठन हैं जिनसे दोनो समाज के लोगों को दिक्कतें होती हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वो भावनाओं में न बहकर बुद्धि से काम ले। इसके पूर्व मजलिस की शुरुआत सोजखानी से हुई। इसके बाद शायरों ने अपने कलाम पेश किये। इस मौके पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन जैदी , आल इण्डिया शिया जागरण मंच के अध्यक्ष मौलाना हसन मेहदी ,नजमुल हसन नजमी , कोल्कता के इमाम मौलाना अतहर अब्बास , मौलाना फजले मुमताज़ आले हसन , हसन अब्बास , हसन रिज़वी , आरिफ हुसैनी , हसनैन कमर दीपू , सुहैल असगर खान , असगर जैदी के साथ हजारो की संख्या में लोग मौजूद रहे । अंत में आयोजक हसन मेहदी ने आये हुए लोगो का आभार व्यक्त किया ।