सिसकती गोमती मईया को बचाने के लिए सैकड़ो युवाओ ने हाथो में थामा फावड़ा पांच दिनो से बहा रहे है अपना खून पसीना
https://www.shirazehind.com/2015/10/blog-post_828.html
जौनपुर। भले ही शासन प्रशासन व जिम्मेदार अधिकारी आदि गंगा गोमती को प्रदूषण से मुक्त कराने से अपना मुह मोड़े हुए है लेकिन नगर के सैकड़ो युवा गोमती मईया को स्वच्छ और निर्मल बाने के लिए अपने हाथो में फावड़ा उठा लिया है। ये लोग सूबह सूबह हाथो में फावड़ा लेकर गोमती नदी के किनारे पहुंचकर कचरे को साफ कर रहे है। करीब दो घंटे तक ये लोग कचरे को साफ करने के बाद ही अपनी दिनचर्या शुरू करते है। युवाओ ने यह कार्यक्रम पिछले पांच दिनो से चला रहे है। हलांकि ये लोग अपना कार्यक्रम शारदीय नवरात तक बंद रखने का एलान किया है। उसके बाद ये युवा पुनः मां गोमती को स्वच्छ और निर्मल करने में जुट जायेगें। सबसे खास बात यह कि इस पुनीत कार्य में लगे युवाओ का न कोई संगठन है ना ही काई बैनर है।
यह गोमती नदी पीलीभीत जिले के गोमद ताल से निकलकर गाजीपुर जिले में मां गंगा की आचल में पूरी तरह से समाहित हो जाती है। किसी जमाने में गोमती नदी का पानी पवित्र और शुध्द हुआ करता था। इस नदी के किनारे बसे लोग इसी पानी से खाना बनाते थे और इसी से पानी से अपनी प्यास बुझाते थे। लेकिन स्थानीय प्रशासन और नगर पालिका परिषद की उदासिनता के कारण शहर के सारे गंदे नाले का पानी इसी में बहा दिया जाता है और नगर का सारा कचरा नदी के किनारे फेक दिया जाता है। जिसके चलते आज यह जीवन दायिनी खुद एक गंदे नाले जैसा रूप धारण कर चुकी है। केन्द्र और प्रदेश सरकार सभी नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने का एलान मंचो से करती चली आ रही है लेकिन आज तक जमीन पर कुछ नजर नही आता। जिससे अजिज आकर जौनपुर के दर्जनो युवाओ ने गोमती नदी को प्रदूषण से मुक्त कराने का वीणा उठा लिया है।
पिछले पांच दिनो से नगर के हनुमान घाट पर आदि गांगा गांेमती के अस्तित्व को बचाने के लिए हाथो में फावड़ा थामे ये लोग इससे पूर्व शायद ही फावड़ा पकड़ा हो लेकिन जीवन दायिनी मां गोमती को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए जय श्रीराम के जय उद्घोष साथ जुट जाते है। इन युवाओ को देखकर नन्हे मुन्ने बच्चे भी पूरी ताकत से मदद करते है।
इस अवसर पर महेश सेठ, मनोज सोनी, आशीष सेठ, मनीष सेठ, अरूण यादव, विष्णु सेठ, हरे राम, दीपचन्द सोनी, रजत सोनी, विजय मोदनवाल, पवन मोदनवाल, विजय चैरसिया, हिमांचल सेठ, अवनीश सिंह, गुड्डू सेठ, संतोष सेठ, अजय विश्वकर्मा, जुगल सोनी, निक्कू साहू, प्रिंस शाह, राज साहू, प्रभु जायसवाल, राजेश सेठ, विनय सेठ, शुभम यादव के अलावा अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
यह गोमती नदी पीलीभीत जिले के गोमद ताल से निकलकर गाजीपुर जिले में मां गंगा की आचल में पूरी तरह से समाहित हो जाती है। किसी जमाने में गोमती नदी का पानी पवित्र और शुध्द हुआ करता था। इस नदी के किनारे बसे लोग इसी पानी से खाना बनाते थे और इसी से पानी से अपनी प्यास बुझाते थे। लेकिन स्थानीय प्रशासन और नगर पालिका परिषद की उदासिनता के कारण शहर के सारे गंदे नाले का पानी इसी में बहा दिया जाता है और नगर का सारा कचरा नदी के किनारे फेक दिया जाता है। जिसके चलते आज यह जीवन दायिनी खुद एक गंदे नाले जैसा रूप धारण कर चुकी है। केन्द्र और प्रदेश सरकार सभी नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने का एलान मंचो से करती चली आ रही है लेकिन आज तक जमीन पर कुछ नजर नही आता। जिससे अजिज आकर जौनपुर के दर्जनो युवाओ ने गोमती नदी को प्रदूषण से मुक्त कराने का वीणा उठा लिया है।
पिछले पांच दिनो से नगर के हनुमान घाट पर आदि गांगा गांेमती के अस्तित्व को बचाने के लिए हाथो में फावड़ा थामे ये लोग इससे पूर्व शायद ही फावड़ा पकड़ा हो लेकिन जीवन दायिनी मां गोमती को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए जय श्रीराम के जय उद्घोष साथ जुट जाते है। इन युवाओ को देखकर नन्हे मुन्ने बच्चे भी पूरी ताकत से मदद करते है।
इस अवसर पर महेश सेठ, मनोज सोनी, आशीष सेठ, मनीष सेठ, अरूण यादव, विष्णु सेठ, हरे राम, दीपचन्द सोनी, रजत सोनी, विजय मोदनवाल, पवन मोदनवाल, विजय चैरसिया, हिमांचल सेठ, अवनीश सिंह, गुड्डू सेठ, संतोष सेठ, अजय विश्वकर्मा, जुगल सोनी, निक्कू साहू, प्रिंस शाह, राज साहू, प्रभु जायसवाल, राजेश सेठ, विनय सेठ, शुभम यादव के अलावा अन्य लोग भी उपस्थित रहे।