जमीन का फर्जी बैनामा कराने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश
https://www.shirazehind.com/2015/12/blog-post_17.html
पीडि़त की वाद पर जौनपुर न्यायालय की जेएम प्रथम ने दिया यह आदेश
जौनपुर। छलपूर्वक आराजियात के अन्तरण प्राधिकार रखने वाले विक्रय विलेख बैनामा दस्तावेज को फर्जी ढंग से कूटरचना करने के मामले में न्यायालय ने गम्भीरता दिखाते हुये थाना पुलिस को आधा दर्जन दोषी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दे दिया। यह आदेश वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद श्रीवास्तव के माध्यम से प्रसिद्ध नरायन गिरी निवासी निवासी दरीबा थाना जफराबाद द्वारा न्यायालय में दायर किये गये वाद पर जेएम प्रथम श्रेया भार्गव ने दिया है। आवेदक के अनुसार उसके पिता सीताराम गिरि, बड़े पिता ठाकुर प्रसाद एवं चाचा बसंत राम ने 28 जून 1944 को एक एकड़ जमीन का बैनामा सत्य नरायन सिंह से 13 सौ रूपये में कराया था। बसंत राम की मौत के बाद उनके वारिसान का नाम वरासत दर्ज हुआ लेकिन रामचन्द्र नाम एक व्यक्ति ने उस जमीन पर मुकदमा कर दिया जिसका मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा तो 16 अगस्त 1977 को आदेश दिया कि याची के कब्जा दखल में विध्न न डाला जाय। इसके बावजूद विपक्षी कूटरचना किये जिस पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया तो जेएम प्रथम ने थानाध्यक्ष जफराबाद को आदेश दिया कि गुलाब सिंह, योगेन्द्र सिंह, आलोक सिंह, आदित्य सिंह, अरिमर्दन सिंह निवासीगण हौज और वशिष्ठ मुनि निवासी गोंडा खास थाना जफराबाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना करके आख्या प्रस्तुत करें।
जौनपुर। छलपूर्वक आराजियात के अन्तरण प्राधिकार रखने वाले विक्रय विलेख बैनामा दस्तावेज को फर्जी ढंग से कूटरचना करने के मामले में न्यायालय ने गम्भीरता दिखाते हुये थाना पुलिस को आधा दर्जन दोषी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दे दिया। यह आदेश वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद श्रीवास्तव के माध्यम से प्रसिद्ध नरायन गिरी निवासी निवासी दरीबा थाना जफराबाद द्वारा न्यायालय में दायर किये गये वाद पर जेएम प्रथम श्रेया भार्गव ने दिया है। आवेदक के अनुसार उसके पिता सीताराम गिरि, बड़े पिता ठाकुर प्रसाद एवं चाचा बसंत राम ने 28 जून 1944 को एक एकड़ जमीन का बैनामा सत्य नरायन सिंह से 13 सौ रूपये में कराया था। बसंत राम की मौत के बाद उनके वारिसान का नाम वरासत दर्ज हुआ लेकिन रामचन्द्र नाम एक व्यक्ति ने उस जमीन पर मुकदमा कर दिया जिसका मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा तो 16 अगस्त 1977 को आदेश दिया कि याची के कब्जा दखल में विध्न न डाला जाय। इसके बावजूद विपक्षी कूटरचना किये जिस पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया तो जेएम प्रथम ने थानाध्यक्ष जफराबाद को आदेश दिया कि गुलाब सिंह, योगेन्द्र सिंह, आलोक सिंह, आदित्य सिंह, अरिमर्दन सिंह निवासीगण हौज और वशिष्ठ मुनि निवासी गोंडा खास थाना जफराबाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना करके आख्या प्रस्तुत करें।

