गमगीन माहौल में संपन्न हुआ अली घाट का चेहलुम, अकीदत के साथ सुपुर्दे खाक की गयी ताजिया व तुरबत

जौनपुर। जौनपुर का ऐतहासिक चेहलुम का जुलूस गुरूवार को मुफती मोहल्ला स्थित अली घाट मस्जिद से अंजुमन सज्जादिया के तत्वावधान में निकाला गया। इस ऐतिहासिक जुलूस में गोमती नदी के किनारे हजारों की संख्या में अजादारांे ने करबला के शहीद हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियांे का नौहा व मातम कर नजराने अकीदत पेश किया। इस दौरान शहर की सभी अंजुमनों ने नौहा मातम किया। इसके पूर्व मजलिस का आगाज तिलावते कलाम पाक से हुआ। सोजख्वानी के बाद शिया धर्मगुरू एवं पेश इमाम शिया जामा मस्जिद मौलाना महफुजुल हसन खां ने मजलिस को खेताब करते हुए बताया कि करबला में हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियांे की शहादत के बाद यजीदी हुकुमत ने उनके पूरे परिवार पर जुल्म ढाये यहाँ तक कि महिलाआंे को कैदी बनाकर बेपर्दा मदीना व कू फे की गलियों में घुमाया गया। सबसे पहले इमाम हुसैन की बहन जनाबे जैनब ने अपने भाई का चेेहलुम मनाया आज हम सब मिलकर दरिया के किनारे उनका चेहलुम मना रहे है। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत, अलम, जुलजनाह व अमारियां बरामद हुई और अंजुमने नौहा मातम करती हुई जुलूस को अली घाट के गोमती नदी के अंदर ले गये और कर्बला के उस मंजर की याद को ताजा कर दिया जब दरिया के किनारे हजरत अब्बास को शहीद कर दिया गया था। तकरीर मौलाना हसन अकबर व रजी बिसवानी ने किया। संचालन मौलाना प्रिंस, असलम नकवी ने किया। इस मौके पर अध्यक्ष अंजुमन सज्जादिया मेंहदी उल हसन आब्दी, महासचिव हसन जाहिद खां बाबू, अली कमेटी, हुसैन कमेटी, अब्बास कमेटी के लोगों की ओर से फैज, जीशू, एबाद, शानू, लवीश, कमर हसनैन दीपू, शकील, फैजान, जहीर, बेलू, मो. मेंहदी, पोपट सहित अन्य अजादार मौजूद रहे। वहीं व्यापार मंडल अध्यक्ष इंद्रभान सिंह इंदू ने भी अपनी मन्नत उतारी। अंत में अंजुमन सज्जादिया ने आये हुए अजादारों का आभार प्रकट किया ।

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