जंगल से पानी की तलाश में भटकता गाँव पहुँचा मृग शावक
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भदोही। चिलचिलाती
गर्मी और प्यास से व्याकुल एक मृग शावक जंगल से गाँव में पहुँच गया ।
पुरानी चौरी में जब इसे ग्रामीणों ने पकड़ने की कोशिश की तो एक व्यक्ति के
निजी आहाते में घूस गया । बाढ़ में वन विभाग पुलिस और ग्रामीणों की मदद
से उसी पकड़ा गया । आशंका जतायी गयी हैं कि वह पानी की तलाश में मिर्जापुर
वन क्षेत्र से भदोही कि सीमा में प्रवेश कर गया । क्योंकि जलवायु परिवर्तन
की वजह और बरसात न होने से सूखे की स्थिति हैं । वन विभाग ने शावक के
पालतू होने से इनकार किया हैं । नदिया और तालाब सूख गए हैं । जंगली जानवरों
के लिए स्थित बुरी हो गयी है । गाँव वालों का कहना था की यह कल से यहाँ
भटक रहा था।
पुलिस और ग्रामीणों की तरफ काफी प्रयास के उस शावक को पकड़ा गया। उसके खुरों से रक्तश्राव हो रहा था । पीठ की चमडिया छिल गयी थी ।उसकी आँख और पेट में भी जख्म हुआ है । वह बुरी तरह हाँफ रहा था और भीड़ को देख डरा सहमा रहा । शावक को देखने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गयी है। भीड़ को देख हिरण एक अहाते में घुस गया है। हिरण कहां से पहुंचा यह पता नहीँ चल सका है । क्योंकि जिले में कोई इस तरह का बन क्षेत्र नहीँ है । मिर्जापुर के अलावा चन्दौली का नौगढ़ जंगल है । जहाँ शावक हैं । जहाँ इसे पकड़ा गया है । वहाँ से जौनपुर ज़िले की सीमा लगाती है । बसुही नदी के किनारे सुरेरी घाट के करीब एक जंगल है । लेकिन वहा शावक के होनी की सम्भावना नही है। चौरी पुलिस ने बताया है की शावक को वन विभाग को सौंप दिया गया है । यह उनकी जिम्मेदारी है की उसे कहाँ ले जाते हैं । उधर फारेस्ट रेंजर आरके चांदना ने बताया की उसे मिर्जापुर के जंगलों में छोड़ दिया जाएगा । पकड़ने की वजह से उसे मामूली चोटें आयी हैं । प्राथमिक उपचार कर दिया गया है । वह स्वस्थ है । उन्होंने सम्भावना जतायी की पानी खोज में यह मिर्जापुर के जंगलों से बाहर चला आया । कैमूर पहाड़ी पर शावक के लिए अभयारण बनाया गया है । लेकिन हमारा परिक्षेत्र मिर्जापुर है। इसे वहीँ छोड़ा जाएगा ।
पुलिस और ग्रामीणों की तरफ काफी प्रयास के उस शावक को पकड़ा गया। उसके खुरों से रक्तश्राव हो रहा था । पीठ की चमडिया छिल गयी थी ।उसकी आँख और पेट में भी जख्म हुआ है । वह बुरी तरह हाँफ रहा था और भीड़ को देख डरा सहमा रहा । शावक को देखने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गयी है। भीड़ को देख हिरण एक अहाते में घुस गया है। हिरण कहां से पहुंचा यह पता नहीँ चल सका है । क्योंकि जिले में कोई इस तरह का बन क्षेत्र नहीँ है । मिर्जापुर के अलावा चन्दौली का नौगढ़ जंगल है । जहाँ शावक हैं । जहाँ इसे पकड़ा गया है । वहाँ से जौनपुर ज़िले की सीमा लगाती है । बसुही नदी के किनारे सुरेरी घाट के करीब एक जंगल है । लेकिन वहा शावक के होनी की सम्भावना नही है। चौरी पुलिस ने बताया है की शावक को वन विभाग को सौंप दिया गया है । यह उनकी जिम्मेदारी है की उसे कहाँ ले जाते हैं । उधर फारेस्ट रेंजर आरके चांदना ने बताया की उसे मिर्जापुर के जंगलों में छोड़ दिया जाएगा । पकड़ने की वजह से उसे मामूली चोटें आयी हैं । प्राथमिक उपचार कर दिया गया है । वह स्वस्थ है । उन्होंने सम्भावना जतायी की पानी खोज में यह मिर्जापुर के जंगलों से बाहर चला आया । कैमूर पहाड़ी पर शावक के लिए अभयारण बनाया गया है । लेकिन हमारा परिक्षेत्र मिर्जापुर है। इसे वहीँ छोड़ा जाएगा ।