मोदी जी कृपया इधर भी ध्यान दे , मैं शर्की सल्तनत में था राजा अब बन गया हूँ रंक
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जौनपुर। जिले की जनता ने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए प्रचण्ड बहुमत देकर यहां के दो भाजपा प्रत्याशियों को सांसद चुनी थी। सभी ने सोचा था कि मोदीजी प्रधानमंत्री बनेगें तो पूरे देश के साथ-साथ जिले का विकास होगा। हमारे जिले में उद्योग धंधे लगेगे बेरोजगारी दूर होगी अच्छे अच्छे स्कूल कालेज खुलेंगे जिसमें छात्र पढ़ लिखकर अपना और जिले के विकास में अपना योगदान करेगें। साथ में जौनपुर को पर्यटन स्थल घोषित किया जायेगा। मोदी सरकार ने दो वर्ष पूरा कर लिया लेकिन अभी तक धरातल पर कुछ भी नही दिखाई दे रहा जिसके कारण यहां की जनता का सपना चकनाचूर होने लगा है। हलांकि की अभी भी तमाम लोगो को भरोषा है कि पांच वर्ष तक पूरे होने तक जिले में कुछ न कुछ विकास जरूर होगा।
आदि गंगा गोमती के पावन तट पर बसा जौनपुर भारत के इतिहास में अपना विशेष स्थान रखता है। अति प्रचीन काल में इसका आध्यात्मिक व्यक्तित्व और मध्यकाल में सर्वागिक उन्नतशील स्वरूप इतिहास के पन्नो पर दिखाई पड़ता है। शर्कीकाल में यह समृध्दशाली राजवंश के हाथो सजाया गया। उस राजवंश ने जौनपुर को अपनी राजधानी बनाकर इसकी सीमा दूर दूर तक फैलाया। यहां दर्जनो मस्जिदो के निर्माण के साथ ही खुब सूरत शाही पुल और शाही किले का निमार्ण और पूरी राजधानी सुगंध से महकती रहती थी। राजनीतिक, प्रशासनिक, सांस्कृतिक,कलात्मक और शैक्षिक दृष्टियो से जौनपुर राज्य की शान बेमिसाल थी।
ऋषि-मुनियो ने तपस्या द्वारा इस भूमि को तपस्थली बनाया, बौध्दिष्टो ने इसे बौध धर्म का केन्द्र बनाया। हिन्दू-मुस्लिम गंगा-जमुनी संस्कृति गतिशील हुई। यह शिक्षा का बहुत बड़ा केद्र रहा,यहां इराक, अरब, मिश्र, अफगानिस्तान, हेरात, बदख्शां आदि देशो से छात्र शिक्षा प्राप्त करने यहां आते थे। इसे भारतवर्ष का मध्युगीन पेरिस तक कहा गया है और शिराज-ए-हिन्द होने का गौरव भी प्राप्त हैं।
इतना विशाल इतिहास अपने बाहो समेटे जौनपुर को अब तक चुने गये जनप्रतिनिधियों ने केवल छला ही है। यहां की तकदीर और तस्वीर बदलने का कोरा आश्वासन देकर नेताओ ने केवल जनता का वोट लेकर सांसद विधायक बनकर केवल अपना विकास किया।
मनोचिकित्सक डा0 जाहन्वी श्रीवास्तव ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी को प्रधानमंत्री घोषित करके भाजपा चुनाव मैदान में उतरी तो यहां की जनता की आंखो में विकास किरण दिखाई देने लगी यहां के लोगो ने सोचा गुजरात की तरह हमारे प्रदेश और जिले में विकास की गंगा बहेगी। हमारी पुरानी विरासत और फिरोजशाह तुगलक का शाही किला, शर्की सल्तनत की अटाला मस्जिद, बड़ी मस्जिद, झझरी मस्जिद और अकबर बादशाह द्वारा बनवाये गये शाही पुल समेत दर्जनो ऐतिहासिक इमारतो को देखते हुए इस जिले को पर्यटन स्थल घोषित किया जायेगा। जिसके कारण यहां पर विदेशी सैलानी आयेगे। लेकिन अभी तक इस तरफ कोई ध्यान नही दिया गया।
शिक्षाविद् डॉ 0 ब्रजेश यदुवंशी ने कहा कि नेताओ की उदासिनता के कारण जहां विकास की कोई किरण नही दिखाई पड़ रही है वही यहां जो कल कारखाने थे वह बंद कर दिया गया। शाहगंज में अंग्रेजो के जमाने से स्थापित शुगर मिल को बसपा सरकार ने बेच दिया। कताई मिल को बंद करके उसमें मेडिकल कालेज की स्थापना सपा सरकार करा रहा है। होम्योपैथिक कालेज को बंद करके इलाहाबाद से सम्बध कर दिया गया पराग डेरी को बंद कर दिया। बिजली की कमी के कारण सतहरिया इण्डस्ट्रीयल ऐरिया अपने वजूद को को बचाने के लिए हाफ रहा है। यहां की जनता साफ कहा कि यहां विकास नही विनाश हुआ है।
व्यापारी नेता इंन्दू सिंह नेताओ पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि नेताओ ने जिले का विकास नही अपना विकास किया है। जिन नेताओ को साईकिल नसीब नही थी वह आज लग्जरी गाडि़यों से घुमते है जौनपुर से लेकर महानगरो तक उनके बंगले बन गये है।
फिलहाल अभी तमाम जनता को भरोषा है कि मोदी जी की नजरे इनाइत जरूर होगी।
आदि गंगा गोमती के पावन तट पर बसा जौनपुर भारत के इतिहास में अपना विशेष स्थान रखता है। अति प्रचीन काल में इसका आध्यात्मिक व्यक्तित्व और मध्यकाल में सर्वागिक उन्नतशील स्वरूप इतिहास के पन्नो पर दिखाई पड़ता है। शर्कीकाल में यह समृध्दशाली राजवंश के हाथो सजाया गया। उस राजवंश ने जौनपुर को अपनी राजधानी बनाकर इसकी सीमा दूर दूर तक फैलाया। यहां दर्जनो मस्जिदो के निर्माण के साथ ही खुब सूरत शाही पुल और शाही किले का निमार्ण और पूरी राजधानी सुगंध से महकती रहती थी। राजनीतिक, प्रशासनिक, सांस्कृतिक,कलात्मक और शैक्षिक दृष्टियो से जौनपुर राज्य की शान बेमिसाल थी।
ऋषि-मुनियो ने तपस्या द्वारा इस भूमि को तपस्थली बनाया, बौध्दिष्टो ने इसे बौध धर्म का केन्द्र बनाया। हिन्दू-मुस्लिम गंगा-जमुनी संस्कृति गतिशील हुई। यह शिक्षा का बहुत बड़ा केद्र रहा,यहां इराक, अरब, मिश्र, अफगानिस्तान, हेरात, बदख्शां आदि देशो से छात्र शिक्षा प्राप्त करने यहां आते थे। इसे भारतवर्ष का मध्युगीन पेरिस तक कहा गया है और शिराज-ए-हिन्द होने का गौरव भी प्राप्त हैं।
इतना विशाल इतिहास अपने बाहो समेटे जौनपुर को अब तक चुने गये जनप्रतिनिधियों ने केवल छला ही है। यहां की तकदीर और तस्वीर बदलने का कोरा आश्वासन देकर नेताओ ने केवल जनता का वोट लेकर सांसद विधायक बनकर केवल अपना विकास किया।
मनोचिकित्सक डा0 जाहन्वी श्रीवास्तव ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी को प्रधानमंत्री घोषित करके भाजपा चुनाव मैदान में उतरी तो यहां की जनता की आंखो में विकास किरण दिखाई देने लगी यहां के लोगो ने सोचा गुजरात की तरह हमारे प्रदेश और जिले में विकास की गंगा बहेगी। हमारी पुरानी विरासत और फिरोजशाह तुगलक का शाही किला, शर्की सल्तनत की अटाला मस्जिद, बड़ी मस्जिद, झझरी मस्जिद और अकबर बादशाह द्वारा बनवाये गये शाही पुल समेत दर्जनो ऐतिहासिक इमारतो को देखते हुए इस जिले को पर्यटन स्थल घोषित किया जायेगा। जिसके कारण यहां पर विदेशी सैलानी आयेगे। लेकिन अभी तक इस तरफ कोई ध्यान नही दिया गया।
शिक्षाविद् डॉ 0 ब्रजेश यदुवंशी ने कहा कि नेताओ की उदासिनता के कारण जहां विकास की कोई किरण नही दिखाई पड़ रही है वही यहां जो कल कारखाने थे वह बंद कर दिया गया। शाहगंज में अंग्रेजो के जमाने से स्थापित शुगर मिल को बसपा सरकार ने बेच दिया। कताई मिल को बंद करके उसमें मेडिकल कालेज की स्थापना सपा सरकार करा रहा है। होम्योपैथिक कालेज को बंद करके इलाहाबाद से सम्बध कर दिया गया पराग डेरी को बंद कर दिया। बिजली की कमी के कारण सतहरिया इण्डस्ट्रीयल ऐरिया अपने वजूद को को बचाने के लिए हाफ रहा है। यहां की जनता साफ कहा कि यहां विकास नही विनाश हुआ है।
व्यापारी नेता इंन्दू सिंह नेताओ पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि नेताओ ने जिले का विकास नही अपना विकास किया है। जिन नेताओ को साईकिल नसीब नही थी वह आज लग्जरी गाडि़यों से घुमते है जौनपुर से लेकर महानगरो तक उनके बंगले बन गये है।
फिलहाल अभी तमाम जनता को भरोषा है कि मोदी जी की नजरे इनाइत जरूर होगी।