तालाबों में पानी भरने के लिए बनायीं जाय कच्ची नाली : D.M
https://www.shirazehind.com/2016/04/dm.html
जौनपुर। जिलाधिकारी भानुचन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में
आज समस्त खण्ड विकास अधिकारियों के साथ बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में मनरेगा
योजनान्तर्गत तालाबों में पानी पहुॅचाने हेतु कच्ची नाली का निर्माण कराया
जाय, जिससे नहरों में पानी आने पर तालाबों में पानी भर सके। तालाबों में
पानी भरने से पशु-पक्षियों को पीने हेतु पानी उपलब्ध हो सके। उक्त हेतु ऐसे
तालाबों का चिन्हीकरण कर लें, जो नहरों के कमाण्ड एरिया में हों तथा जिससे
में रबी व खरीफ में नहरों में पानी आता हो। ऐसे नहरों के गुलों का
चिन्हीकरण कर गुलों से तालाब तक कच्ची नालियॉ बनायी जाय। सिचाई विभाग के
नाले के दोनो तरफ के ग्राम पंचायतों की सूची बनाकर मेढ़बन्दी व समतलीकरण का
कार्य कराया जाय, जिससे कि बरसात में पानी को रोका जा सके। साथ ही ऐसे
स्थानों का चिन्हीकरण करें, जहॉ चेकडैम बन सके। तत्क्रम में प्रत्येक खण्ड
विकास अधिकारी को 1 से 2 चेकडैम हेतु स्थल चिन्हित करने के निर्देश दिये।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में कराये गये समस्त कार्यो का मनरेगा वेबसाइट पर
अंकन 10 अप्रैल 2016 तक अवश्य पूर्ण करा लिया जाय साथ ही वित्तीय वर्ष
2016-17 हेतु कराये जाने वाले मनरेगा के कार्यो की रणनीति बना लिया जाय,
क्योकि फसल कटने के पश्चात् दिनांक 15 अप्रैल 2016 से रोजगार की मॉग की
अधिकता होगी इस लिए पहले से ही कार्यो का चिन्हीकरण कर लें, जिससे कि मॉग
के सापेक्ष कार्य दिया जा सके। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि वित्तीय वर्ष
2015-16 में मनरेगा योजनान्तर्गत जो कार्य कराये गये हैं, वहॉ बोर्ड
अनिवार्य रुप से लगाया जाय, ताकि भुगतान की पुनरावृत्ति न होने पाये तथा
मनरेगा योजनान्तर्गत कराये गये कार्यो के फोटोग्राफ विशेषकर कैटल शेड,
वर्मी कम्पोस्ट, सिचाई नाली, पुलिया, बकरी शेड आदि मनरेगा की वेबसाइट पर
अपलोड करा दें तथा एक हार्डकापी विकास खण्ड स्तर पर अवश्य रखें। पुलिया
निर्माण में डिजाइन का ध्यान अवश्य रखें। इन सभी कार्यो की फोटो व लागत का
एक फोल्डर परियोजनावार बनाकर साफ्टकापी के माध्यम से जिला स्तर पर
मनरेगा-सेल में 03 दिन के अन्दर अवश्य भेज दिये जाय। ग्राम पंचायतवार 14वें
वित्त व राज्य वित्त से कराये जा रहे कार्ययोजना पर खण्ड विकास अधिकारियों
को निर्देशित किया कि उनका अनुश्रवण स्वयं कर लें, जिससे कि कार्ययोजना
गाइडलाइन के अनुसार हो सके। जिलाधिकारी द्वारा मुख्य विकास अधिकारी पीसी
श्रीवास्तव को निर्देशित दिया गया कि 14वें एवं राज्य वित्त में भी मनरेगा
की भॉति भुगतान कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने गत वित्तीय वर्ष में कराये
गये कार्यो पर विशेषकर माइनरों की सफाई पर खण्ड विकास अधिकारियों की
प्रशसंा की व अवशेष माइनरों को इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण कराने के निर्देश
दिये। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी पीसी श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक
डी0आर0डी0ए0 तेज प्रताप मिश्र, उपायुक्त (श्रम-रोजगार) रामबाबू त्रिपाठी
एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारी उपस्थित रहे।