रोजादार आओ रोजादार का मातम करें...
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जौनपुर । यौमे शहादते इमाम अली अ.स. पर बुधवार को जनपद के विभिन्न इलाकों में सबीहे ताबूत का जुलूस निकाला गया। इस दौरान रोजेदारों द्वारा नौहा मातम करते हुए मोहम्मद साहब को उनके दामाद का पुरसा दिया। इसी क्रम में नगर के मोहल्ला अजमेरी की मस्जिद शाह अता हुसैन व बलुआघाट में मजलिसे आयोजित हुई जिसके बाद शबीहे ताबूत व अलम बरामद हुआ। शाम करीब चार बजे दोनों जुलूस नगर के चहारसू चौराहे पर पहुंचे जहां अलम को तुर्बत से मिलाया गया और दोनों जुलूस एक साथ शाह पंजा स्थित कदम रसूल के लिए रवाना हुआ। जहां बाद नमाज मगरिब नौहा व मातम के साथ जुलूस का एख्तेताम किया गया।
इसके पूर्व अजमेरी मोहल्ला में मजलिस की शुरुआत मोहम्मद अब्बास काजमी एवं उनके साथियों ने सोजख्वानी से की। तत्पश्चात मजलिस को मौलाना सैय्यद सफदर हुसैन जैदी सरबराह जामिया जाफरे सादिक ने संबोधित करते हुए कहा कि हजरत अली का पूरा जीवन गरीबों, यतिमों, विधवाओं के प्रति समर्पित था। वो यतिमों की इस प्रकार मदद करते थे कि उन्हें पता भी नहीं चलता था कि मदद करने वाला कौन है? हजरत अली ने इस्लाम की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। मजलिस के बाद जुलूसे अलम व ताजिया निकाला गया। नवाब युसूफ रोड पर एक तकरीर की गयी जिसे मौलाना सफदर हुसैन जैदी ने संबोधित किया। उसके बाद जुलूस आगे बढ़ा। कोतवाली चौराहे पर अंजुमन ने नौहों मातम किया। दूसरी तकरीर चहारसू चौराहे पर हुई जहां पर वही बलुआघाट के इमामबाड़ा मद्दू मे मजलिस को मौलाना कैसर अब्बास ने पढा यहा से अंजुमन हुसैनिया के हमराह एक जुलूस किला होता हुआ इस जुलूस में आकर मिलाया गया। चहारसू पर मोहम्मद हसन ने तकरीर करते हुए कहा कि हजरत अली ने ऐसी न्यान व्यवस्था अपने शासनकाल में बनायी जो आज भी मिसाल के तौर पर प्रस्तुत की जाती है। उनकी हुकूमत में अल्पसंख्यकों के हित पूरी तरह से सुरक्षित थे उनके द्वारा बनाये गये चार्टर मानवधिकार के विश्वस्तरीय संगठनों के लिए आदर्श है। जुलूस चहारसू मातमी अंजुमनों के हमराह ओलन्दगंज, शाहीपुल से अपने कदीम रास्ते से होते हुए पंजे शरीफ तक गया जहां पर जुलूस की समाप्ति नमाजे मगरबैन क ो बजमात अदा करने से हुई। इस जुलूस में अंजुमन हुसैनिया के सदर डा जौहर अली खां सै. अकबर हुसैन एडवोकेट, फै सल हसन तबरेज आजम जैदी इसरार हुसैन एडवोकेट, मेंहदी रजा एडवोकेट, जहीर हसन, तहसीन शाहिद, मुन्ना अकेला शहजादे अली मंजर डेजी, वसीम हैदर, हाजी असगर हुसैन जैदी, असलम नकवी, शाहिद मेंहदी, अनवार आब्दी, अंजुम सईद, नासिर रजा, जमीर हसन जेडी एवं इत्यादि उपस्थित थे।
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