अपने पुरखो की मिट्टी से तिलक लगाने जौनपुर पहुंची एक आस्ट्रेलिया की बाला

जौनपुर। 121 वर्ष पूर्व अपना मुल्क छोड़कर आस्ट्रेलिया गया जौनपुर के एक कुनबे के बेटी अपने पुश्तैनी घर की मिट्टी से तिलक लगाने के लिए जौनपुर पहुंच गयी है। शेजली नामक इस युवती के पास 4 फरवरी 1895 का इमीग्रेशन सार्टिफिकेट है। इसी सार्टिफिकेट के बदौलत उनके पुरखा जौनपुर से आस्ट्रेलिया गये थे। यह दस्तावेज मिलने के बाद शेलजी को पता चला कि वह आस्ट्रेलिया की नही बल्की हिन्दुस्तान के जौनपुर जिले की मूल निवासी है। अब वह अपने पूर्वजो की जन्म भूमि की खोज करने के लिए यहां पहुंच गयी है।
जौनपुर जिले के शाहगंज तहसील के गैरवाह गांव के निवासी टिकैट अपनी पत्नी जुगनी के साथ 4 फरवरी 1895 को अपना घर छोड़कर आस्ट्रेलिया चले गये थे। इस घर की चिराग शेलजी को जब पता चला कि वह आस्ट्रेलिया की नही बल्की भारत देश के उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के गैरवाह गांव की मूल निवासी है। इसकी जानकारी होते ही उसने इण्डिया की फ्लाईट पकड़कर जौनपुर पहुंचकर अपने पुरखो के घर की तलास शुरू कर दिया है। शेलजी ने शिराज ए हिन्द डाॅट काम को बताया कि उसका बस एक ही मकसद है उसके पुरखो के घर का सही पता चल जाय तो वह उसके मिट्टी का तिलक लगाकर वापस आस्ट्रेलिया लौट जायेगी। उसके सामने दिक्कत यह आ रही है कि गैरवाह गांव 12 पुरवा का गांव है। जिसके कारण सही पता नही चल पा रहा है। आज उसने एक अधिवक्ता की मदद से कलेक्ट्रेट रिकार्ड रूम में सरकारी दस्वेज खगलवा रही है।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में भारतीय मूल की शेजली ऑस्ट्रेलिया से अपने पूर्वजों को ढूंढ निकालने के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जिलाधिकारी ने एसडीएम शाहगंज को निर्देशित किया कि शेजली के पूर्वजों के रिकॉर्ड ढूंढने में हर संभव मदद की जाय।

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