'शिया समुदाय में तीन बार क्या, तीन लाख बार भी बोलने से नहीं होगा तलाक'

 लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक का मामला चल रहा है। वहीं शुक्रवार को शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वाइस प्रेसिडेंट मौलाना कल्बे सादिक को मॉडर्न निकाहनामा सौंपा। मीडिया से बातचीत में कल्बे सादिक ने कहा कि‍ तलाक को लेकर सुन्नी समुदाय में कई मत हैं। शिया समुदाय में तीन बार क्या, तीन लाख बार भी 'तलाक' बोलने से तलाक नहीं होगा।मॉडर्न निकाहनामा में क्या है...
-मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि मॉडर्न निकाहनामा को पेश कर दिया है।
-उन्होंने बताया कि मॉडर्न निकाहनामा में पति और पत्नी को बराबरी का हक दिया गया है।
-यही नहीं महिलाओं को भी तलाक का अधिकार दिया गया है।
-दो साल तक पति या पत्नी यदि जिंदगी की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं तो उसे तलाक का अधिकार दिया गया है।
-यह निकाहनामा भारतीय संविधान के दायरे में आएगा।
-महिलाओं को रोजगार की परमिशन दी गई है।
-निकाह के बाद दहेज की मांग पर पाबंदी लगाने की मांग है।
-इस मॉडर्न निकाहनामे को शिया समुदाय के सबसे बड़े धर्मगुरु आयतुल्ला सिस्तानी की मंजूरी भी है।
क्या कहते हैं मौलाना कल्बे सादिक
-मौलाना कल्बे सादिक कहते हैं ट्रिपल तलाक पर अपनी राय पहले रख चुका हूं।
-'ट्रिपल तलाक का मामला सुन्नी समुदाय से जुड़ा हुआ है।'
-'शिया समुदाय में तो अगर मियां और बीवी दोनों ही चाहें तो भी तलाक नहीं हो सकता है।'
-'काफी सोच-समझ कर उस पर विचार किया जता है तब कोई फैसला लिया जाता है।'
-'उन्होंने कहा हिंदुओं की तरह शिया समुदाय में भी कई सेक्शन होते हैं।'
इस्लाम में पुरुष और महिला दोनों को बराबरी का हक़ है
-मॉडर्न निकाहनामा पेश करने वाले मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि इस्लाम में महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का हक दिया गया है।
-शिया पर्सनल लॉ बोर्ड जल्द ही बैठक करके तलाक सहित अन्य मसलों का हल भी निकालेगी।
-उन्होंने बताया कि 2007 में पहली बार निकाहनामा पेश किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है मामला
-सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक के मामले में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हलफनामा दाखिल किया है।
-हलफनामे में लिखा गया है कि सामाजिक सुधार के नाम पर पर्सनल लॉ को दोबारा नहीं लिखा जा सकता है।
-उसमें यह भी है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कोई कानून नहीं जिसे चुनौती दी जा सके बल्कि यह कुरआन से लिया गया है। यह मसला धर्म से जुड़ा है।
-ट्रिपल तलाक पर कहा है कि इस्लाम में अगर दंपत्ति के बीच नहीं बन रही है तो संबंध खत्म कर देना चाहिए।
-तीन तलाक की परमिशन इसलिए है क्योंकि पति सही फैसला ले सकता है।
-पति महिलाओं की अपेक्षा जल्दबाजी में फैसला नहीं लेते हैं।
 

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  1. दुनिया आज कितना आगे पहुँच गई है पर मुसलमान आजतक निकाह और तलाक़ का मसला नहीं हल कर पा रहे है

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    1. सही बोल रहे हो हसन भाई और इसके आढ में राजनीति चलाने वाले है

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    2. सही बोल रहे हो हसन भाई और इसके आढ में राजनीति चलाने वाले है

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  2. मुसलमान लड़कियों को किसी भी हालत में किसी मुसलमान लड़के से शादी नहीं करना चाहिए . हो सकता है ९९% चांच है की वो उस लड़की का जीवन तबाह कर दे . आज के युग में किसी और लड़की पर प्रेम आना बहुत ही सामान्य बात है और ऐसे समय में वो पक्का उस लड़की को तिन तलाक दे देगा . कोई भी मुस्लिम बहन को केवल हिन्दू से ही शादी करना चाहिए

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    1. ek taraf muslim ladkiyo ko bahan bol rahay ho aur doosri taraf shadi ki baat kar rahay hai kaisay neech ho tum.

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    2. Jab mmusalman kisi non Muslim girl se shadi kare to aap ke jaisay bohat Rotey hain magar Muslim girl ko esi salah detay ho. Muslim me ladki ko sati nahi kia jaata na uske 5 pati hotey he na hi usko gambling item banaya jaata hai uske pati dwara na hi dhobi ke kehnay pai uska tayag hota hain

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  3. Unknown phaly apna mazhab to zahir kr bhai tuu kon sii jati ka pardy syy pichy rha krr bt nhi krty raha sawal Muslims larkiyon sy shadi krny kaa to bhai muslims larkiyan to meet khatin hain or shoks sy bht agr koi hindun meet khany kotaaayar hai to krlo shadi muslims syy meet to smj gya hoga na muslim kon saa pasnad krty hain

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    1. Yeh mr unknown gau mootra aur gobar wale bhai hai, gau mootra peene nikle they galti se chat karne lage

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