जौनपुर के दो बेटो ने पुरे विश्व में किया जिले का नाम रौशन

लक्ष्मीकान्त तिवारी

जौनपुर। जिले के दो होनहारों ने मिलकर ऐसा उपकरण तैयार किया है जो आपकी सेहत का ख्याल रखने के साथ ही बीमारी होने से पहले आपको सावधान कर देगा, ये दोनों होनहारों ने आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई करते हुए इस जीवन रक्षक उपकरण को तैयार किया है। 
बदलापुर तहसील के लक्ष्मीकांत तिवारी और शाहगंज तहसील के सत्यपाल गुप्ता इस समय खड़गपुर आईआईटी में पढ़ाई कर रहे हैं। जिले के इन दोनों होनहार छात्रों ने रिसर्च किया है। दोनों छात्रों ने शिराज-ए-हिंद डॉट कॉम पर फोन से हुई वार्ता में बताया कि भाग दौड़ भरी जिंदगी में अक्सर हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं रख पाते हैं, जिसके कारण कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं और बीमारी का पता चलने तक काफी देर हो चुकी होती है। जिसमें ज्यादातर बीमारियां कम नींद लेने या ठीक ढंग से नहीं सो पाने के कारण होती हैं।
विश्व स्तर पर रिसर्च करने से पता चलता है कि करीब 34 फीसदी लोग सोने से संबंधित बीमारी से ग्रस्त हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के हिसाब से 17.4 फीसदी मौतें सिर्फ स्वांस की बीमारी के कारण होती हैं और 40 प्रतिशत भारत के लोग 2020 तक हृदय से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त हो जायेंगे। अगर इस तरह की गंभीर बीमारियों के बारे में समय रहते पता चल जाता है, तो अकारण मौत के मुंह में जाने से लोगों को बचाया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए एक ऐसे उपकरण का आविष्कार किया गया है, जो सोते समय भी आपके स्वास्थ्य की पूरी निगरानी करेगा और हर बीमारी की आहट को आपके मोबाइल के जरिए आप तक पहुंचाएगा। 

लक्ष्मीकांत तिवारी ने बताया कि खुशहाल लोग जीवन को बड़ी आसानी से जीते हैं और बीमारियों के प्रभाव से दूर रहते हैं। हम सभी लोग अपने जीवन का एक तिहाई भाग सिर्फ सोने में बिताते हैं और जिन लोगों को रात में ठीक से नींद नहीं आती है, वे लोग पूरे दिन थकावट महसूस करते हैं और कई बार work place पर ही सो जाते हैं। ऐसे लोग चिड़चिड़े भी हो जाते हैं और समाज में उनका व्यवहार भी सही नहीं रहता, असल में ऐसे लोग किसी न किसी प्रकार की सोने से संबंधित बीमारी से ग्रस्त रहते हैं और उनमें से बहुत सारे लोगों को पता भी नहीं होता है।
Prof. Aurobinda Routray के दिशानिर्देशन में काम कर रहे छात्रों ने तीन प्रकार की स्लीप मॉनिटरिंग डिवाइसेज इजाद किया है। उनकी पहली डिवाइस बेडशीट की तरह है, जिसको उपयोगकर्ता को अपने बेडशीट के नीचे सोने से पहले बिछाना होगा। इस डिवाइस में एक विशेष प्रकार का सेंसर लगा है, जो उपयोगकर्ता के हृदय की धड़कन और स्वांस की गति को नापता है। अगर उपयोगकर्ता को स्वांस या हृदय से जुड़ी कोई भी बीमारी है, तो ये विशेष प्रकार का सेंसर उसे पकड़ लेता है और बीमारी से जुडी जानकारी उपयोगकर्ता के मोबाइल पर भेज देता है। इसके अलावा इसमें और भी तमाम प्रकार के सेंसर्स लगे हैं, जो आपके बेडरूम की हवा की गुणवत्ता, तापमान और ह्यूमिडिटी को भी नापता है।

वहीं दूसरी प्रकार की डिवाइस भी उपयोगकर्ता को स्वांस या हृदय से जुड़ी बीमारी से अवगत कराता है, परंतु हृदय की धड़कन और स्वांस की गति को नापने का तरीका पूरी तरह से अलग है। इस दूसरे प्रकार कि डिवाइस को उपयोगकर्ता को बेडरूम में कहीं एक जगह दीवाल पर लगाना होगा। यह डिवाइस पूरी तरह से वायरलेस टेक्नोलॉजी पर आधारित है।
जबकि तीसरे प्रकार की डिवाइस थर्मल इमेजिंग के सिद्धांत पर काम करती है, ये डिवाइस उपयोगकर्ता के शरीर के तापमान को नापती है और उसी के आधार पर उपयोगकर्ता के स्टेट ऑफ स्लीप को पता कर लेती है।
सत्यपाल गुप्ता

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