परदेशियों ने भी मजबूत किया लोकतंत्र

जौनपुर। लोकतंत्र का यह जश्न करीब सवा महीने पहले ही शुरू हो चुका था। मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए शासन से लेकर प्रशासन तक गंभीर हुआ तो तमाम जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए।  सभी से अपील की गई कि वह मतदान जरूर करें। इधर, सियासी अखाड़े में उतरे सूरमाओं के भी गुणा भाग में गांव छोड़कर परदेश में काम काज संभाल रहे हजारों वोटर आ गए। उन वोटरों को यहां तक बुलाने की जिम्मेदारी उनके रिश्तेदारों को दी गई तो जागरूकता का असर हुआ कि युवा वर्ग जरूरी काम छोड़कर यहां लोकतंत्र को मजबूत करने आया। हजारों की संख्या में बाहर से आए अंग्रेजी बाबुओं ने अपने पसंदीदा प्रत्याशियों के हक में मतदान कर दूसरों को भी जागरूक किया। इस बार से पहले बाहर रहने वाले लोगों की संख्या यहां इतनी नहीं बढ़ी थी।
दूसरे प्रदेशों में रहकर मेहनत-मजदूरी करने के अलावा पढ़ाई और नौकरी करने वालों की सूची पहले ही तैयार कर ली गई थीं। वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए जो प्रचार-प्रसार हुआ वह मीडिया और सोशल मीडिया द्वारा बाहर तक जाता रहा। अपने जिलों में होने वाले कार्यक्रमों को गंभीरता से देखने वालों के मन में मतदान की भावना जागी और इसको अपना सबसे बड़ा अधिकार समझा। अपने राज्य की सरकार बनाने में खुद की भूमिका अदा करने के लिए उन्होंने पहले से ही अवकाश मांग लिया। चूंकि प्रार्थना पत्र मतदान का था इसलिए प्राइवेट कंपनियों और कालेजों से मतदान की अनुमति दे दी गई। इसके बाद वह मतदान की पूर्व संध्या को ही अपने घरों पर पहुंच गए। रात में कुछ दोस्तों से मिले और चुनावी माहौल के साथ वास्तविक स्थिति को भांप लिया। प्रत्याशी के चुनाव का आंकलन किया और सुबह ही अपना फर्ज निभाने घर से निकल लिए। लंबे अर्से बाद उनका चेहरा देखकर लोगों को खुशी हुई तो मतदान के प्रति उनकी लगन देखकर एक अच्छा संदेश भी गया। उनकी इस सोच को सभी ने सलाम किया है।

Related

politics 8796235027525094575

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item