चिलचिलाती धूप भी नहीं डिगा सका श्रद्धालुओं की आस्था

मिर्जापुर। वासंतिक नवरात्र में माता विन्ध्यवासिनी के दर्शन व पूजन को भक्त आये और त्रिकोण न करें यह कैसे हो सकता है? माॅ विन्ध्यवासिनी का दर्शन व पूजन करने के बाद भक्तों का कारवां सीधे त्रिकोण मार्ग की ओर कूच करता दिखलाई पड़ रहा है। शाम से लेकर अगले दिन सुबह 9 बजे तक तो ठीक पर इसके बाद सूर्य भगवान के तपीस से तपती पहाड़ियों पर नंगे पांव निकले श्रद्धालुओं के क्या हाल हो रहे इसे मौके पर ही पहंुच देखा जा सकता है। माॅ विन्ध्यवासिनी धाम से निकल भक्तों का कारवां विन्ध्याचल स्थित रेलवे स्टेशन व शिवपुर के मध्य लाइन पार कर कहीं रास्तों तो कहीं पगडंडियों के सहारे भक्त कालीखोह की ओर जा रहे है। कालीखोह पहंुच कर भक्त एक लम्बी कतार में अपनी बारी की प्रतिक्षा करते दिखलाई पड़ रहे है। मंगलवार अष्टमी को चिलचिलाती धूप में कालीखोह में श्रद्धालुओं की लम्बी कतार देखी गयी। चिलचिलाती धूप में छावनी की व्यवस्था न होने पर धूप में ही खड़े भक्तों को अपनी बारी के प्रतिक्षा करनी पड़ी अगर सहारा बना तो दुकानदारों के द्वारा टंागी गयी प्लास्टिक की पत्रियां। माता काली का दर्शन व पूजन करने के बाद भक्त अष्टभुजा धाम की ओर दुर्गम पहाड़ियों पर बनाये गये सीढ़ियों के सहारे पहंुच रहे थे। अष्टभुजा धाम पहंुच ठीक मंदिर से सटे मार्ग पर पहंुचने के बाद भी सैकड़ों की संख्या में सीढ़ियां उतर कर पुनः चढ़ने के लिए विवश होना पड़ रहा था। अष्टभुजा धाम में लम्बी कतार लगी रही। अष्टमी पर बुराहाल उन श्रद्धालुओं का देखा गया जो पूरे 9 दिनों तक व्रत रहे। घंटों मशक्कतों के बाद गुफा में विराजमान माता अष्टभुजी देवी के दर्शन पाकर भक्त निहाल हो रहे थे।
सीता कुण्ड व गेरूआ तालाब में उमड़े रहे श्रद्धालु
मिर्जापुर। त्रिकोण मार्ग पर पहाड़ी रास्तों से होते हुये अष्टभुजा की ओर निकले भक्तों का कारवां सीता कुण्ड व गेरूआ तालाब की ओर कूच करता दिखलाई पड़ रहा था। अष्टभुजा पहाड़ी पर मौजूद उक्त दार्शनिक स्थलों पर पहुंच भक्त माता के स्नान करने वाले कुण्ड को निहारते दिखे। इतना ही नहीं अधिकांश भक्त उक्त कुण्ड का जल तक ग्रहण कर अपने जीवन को धन्य किया। पहाड़ीवादियों का नजारा लेते हुये भक्तों का कारवां अष्टभुजा मंदिर की ओर कूच कर रहा था।
मंदिर का कपाट खुलने का इंतजार करते श्रद्धालु
उठते-बैठते अपनी बारी की प्रतिक्षा कर रहे श्रद्धालु

मिर्जापुर। वासंतिक नवरात्र के दिनों में मंदिर का कपाट बंद होने पर कतार में लगे भक्त चाहे छांव में हो या धूप में उठते-बैठते अपनी बारी की प्रतिक्षा करते देखे जा रहे है। यह सिलसिला माॅ विन्ध्यवासिनी, कालीखोह व अष्टभुजा मंदिर पर देखी जा रही है। धूप में अपनी बारी की प्रतिक्षा करने वाले श्रद्धालुओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है पर उनकी आस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

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