गोमती नदी पूरी तरह से हुई प्रदूषित, दो दिन से लगातार मर रही है मछलियां
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इठलाती मठराती बल खाती लहराती जल मेँ ,चलती हैँ मदमाती मनमौजी हैँ मछली, नील कमल पर उड़ती सी
झुंडों मेँ मँडराती जल मेँ,तिरती हैँ परियोँ सी जल की रानी हैँ मछली...........ऐसे न जाने कितनी कविताओ के माध्यम से मछलियां शान में कसीदे पढ़े गये है। जल की अंदर सुरक्षित रहने वाली मछलियों के लिए अब उनका घर ही उनके मौत का सबब बनती जा रही है। दो दिनो से लगातार गोमती नदी में लाखो मछलियांे तड़फ तड़फ कर दम तोड़ती देखी जा रही है। उनकी यह दशा देखकर मछुआरो का भी दिन पसीज उठा है। सभी जलपरियो के मौत के पीछे वैज्ञानिको का मानना है कि पानी कम होने के कारण तापमान तेज हो जाता है जिसके कारण आक्सीजन की भारी कमी हो जाती है दूसरा पक्ष यह है कि विषैले तत्व का घुलन होने कारण मछलियों की मौते हो रही है।
इसकी भनक लगते ही स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता अपने कार्यकर्ताओ साथ मौके पर पहुंचकर मरी हुई मछलियो को एकत्रीत कराकर डिस्पोजल करा दिया साथ में स्थानीय जनता से इन मछलियों को न खाने की हिदायत दिया और लोगो से नदी में न स्नान करने की अपील किया है। उनका मामना है कि पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है ऐसे स्नान करने से सेहत को भारी नुक्सान हो सकता है।
जौनपुर नगर से बीचो बीच बहने वाली गोमती नदी शहरी इलाके में पूरी तरह से प्रदूषित हो गयी है। प्रदूषण के कारण दो दिन के भीतर लाखो मछलियां बेमौत मार दी गयी है। इसका मुख्य कारण माना जा रहा कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा 21 बड़े गंदे नाले का पानी गोमती मां की कोख में सीधे बहा रहा है। इन नालो में तीन नाले ऐसे है जिसमें सोने चांदी की रिफायनरी का केमिकलयुक्त पानी बहाया जा रहा है। यह पानी मछलियों को काल के गाल में भेज रही है।
मछलियों की हो रही मौतो के बारे में विज्ञान संचारक डा0 अरविन्द मिश्रा ने शिराज ए हिन्द डाॅट काम को बताया कि इस समय भीषण गर्मी के कारण गोमती नदी में पानी काफी कम हो गया है। पानी की प्रवाह भी धीमीगति से हो रही है। ऐसे में पानी में तापमान अधिक होने के कारण आक्सीजन की काफी कम होने के कारण मछलियों की मौते हो रही है दूसरा वजह यह भी हो सकता है कि पानी कम होने के कारण विषैले तत्व घुलनशील हो जाता है जिससे जलजीव को भारी नुक्सान हो रहा है।
उधर गोमती को स्वच्छ और निर्मल बनाने की वीणा उठानी वाली स्वच्छ गोमती अभियान के लोगो की चिंता बढ़ गयी है। मछलियों के मरने की खबर मिलते ही संस्था के अध्यक्ष गौतम गुप्ता अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचकर मरी हुई मछलियों को एकत्रीत करके डिस्पोजल कर दिया साथ में लोगो से अपील किया कि इन मछलियों की मौते जहरीले पानी के कारण हुई इस लिए आप न खुद खाये न ही बेचने का काम करे। इस नदी प्रतिदिन स्नान करने वालो से अपील किया कि पानी पूरी तरह से विषैला हो गया है इस लिए नहाना स्वास्थ को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
झुंडों मेँ मँडराती जल मेँ,तिरती हैँ परियोँ सी जल की रानी हैँ मछली...........ऐसे न जाने कितनी कविताओ के माध्यम से मछलियां शान में कसीदे पढ़े गये है। जल की अंदर सुरक्षित रहने वाली मछलियों के लिए अब उनका घर ही उनके मौत का सबब बनती जा रही है। दो दिनो से लगातार गोमती नदी में लाखो मछलियांे तड़फ तड़फ कर दम तोड़ती देखी जा रही है। उनकी यह दशा देखकर मछुआरो का भी दिन पसीज उठा है। सभी जलपरियो के मौत के पीछे वैज्ञानिको का मानना है कि पानी कम होने के कारण तापमान तेज हो जाता है जिसके कारण आक्सीजन की भारी कमी हो जाती है दूसरा पक्ष यह है कि विषैले तत्व का घुलन होने कारण मछलियों की मौते हो रही है।
इसकी भनक लगते ही स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता अपने कार्यकर्ताओ साथ मौके पर पहुंचकर मरी हुई मछलियो को एकत्रीत कराकर डिस्पोजल करा दिया साथ में स्थानीय जनता से इन मछलियों को न खाने की हिदायत दिया और लोगो से नदी में न स्नान करने की अपील किया है। उनका मामना है कि पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है ऐसे स्नान करने से सेहत को भारी नुक्सान हो सकता है।
जौनपुर नगर से बीचो बीच बहने वाली गोमती नदी शहरी इलाके में पूरी तरह से प्रदूषित हो गयी है। प्रदूषण के कारण दो दिन के भीतर लाखो मछलियां बेमौत मार दी गयी है। इसका मुख्य कारण माना जा रहा कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा 21 बड़े गंदे नाले का पानी गोमती मां की कोख में सीधे बहा रहा है। इन नालो में तीन नाले ऐसे है जिसमें सोने चांदी की रिफायनरी का केमिकलयुक्त पानी बहाया जा रहा है। यह पानी मछलियों को काल के गाल में भेज रही है।
मछलियों की हो रही मौतो के बारे में विज्ञान संचारक डा0 अरविन्द मिश्रा ने शिराज ए हिन्द डाॅट काम को बताया कि इस समय भीषण गर्मी के कारण गोमती नदी में पानी काफी कम हो गया है। पानी की प्रवाह भी धीमीगति से हो रही है। ऐसे में पानी में तापमान अधिक होने के कारण आक्सीजन की काफी कम होने के कारण मछलियों की मौते हो रही है दूसरा वजह यह भी हो सकता है कि पानी कम होने के कारण विषैले तत्व घुलनशील हो जाता है जिससे जलजीव को भारी नुक्सान हो रहा है।
उधर गोमती को स्वच्छ और निर्मल बनाने की वीणा उठानी वाली स्वच्छ गोमती अभियान के लोगो की चिंता बढ़ गयी है। मछलियों के मरने की खबर मिलते ही संस्था के अध्यक्ष गौतम गुप्ता अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचकर मरी हुई मछलियों को एकत्रीत करके डिस्पोजल कर दिया साथ में लोगो से अपील किया कि इन मछलियों की मौते जहरीले पानी के कारण हुई इस लिए आप न खुद खाये न ही बेचने का काम करे। इस नदी प्रतिदिन स्नान करने वालो से अपील किया कि पानी पूरी तरह से विषैला हो गया है इस लिए नहाना स्वास्थ को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।