संतुलित खुराक रमजान में दुरूस्त रखेगी सेहत

जौनपुर। माहे रमजान मुसलमानों के लिए रोजा और इबादत का महीना होता है। सहरी-इफ्तार में क्या खाया जाए जो दिनभर शरीर ठीक रखने में मददगार साबित हो। इफ्तार में क्या खाएं जिससे शरीर को नुकसान न पहुंचे। खानपान से जुड़ी बातों पर गौर करना बहुत जरूरी है। इबादत के शेड्यूल के साथ खानपान के बारे में विचार करना बेहद जरूरी है। पहले रोजे में इफ्तार के बाद उनका पेट फूल रहा है, सर में दर्द, दिल की धड़कन का गड़बड़ होना और शरीर में थकान महसूस होना आदि परेशानियां शुरू हो जाती हैं। इसके अलावा लोग परेशान रहते हैं कि दिनभर भूखे रहने के बाद भी उनका वजन बढ़ रहा है। यह सब समस्याएं उन्हें बिना सोचे-समझे खाने की वजह से होती हैं। रमजान में अमूमन लोग एक दस्तरख्वान पर परिवार के साथ इफ्तार करते हैं। तेल-घी में बनने वाले समोसा, पकौड़े, चिप्स और कई दूसरे पकवान दिल के लिए भी खतरनाक हैं। इसलिए अधिक खाने के बजाए पोषक तत्वों से भरी डाइट सहरी-इफ्तार में शामिल करें। 15 घंटे 28 मिनट का रोजा है। डॉक्टरों के मुताबिक मुकद्दस रमजान में न सिर्फ इबादत, बल्कि शरीर को भी गैरजरूरी खान-पान से बचाने का मौका मिलता है। सालभर शरीर खाने को पचाने में जो मेहनत करता है, उस तंत्र को रमजान में राहत मिलती है। वे लोग जो वजन कम करना चाहते हैं। उन्हें इस महीने का फायदा उठाना चाहिए। तले-भुने और ज्यादा मीठे खाने से परहेज करने से शरीर की अनचाही चर्बी दूर होगी। नींद से जागने पर फौरन ही कुछ भी खाना नामुमकिन है। सहरी में हल्की डाइट लें। जैसे दूध में बनी फैनी या फिर सिंगल पीस स्पेशल ब्रेड, दूध, दही, चार-पांच गिलास पानी, ताजे फल, पीनट आदि खाया जा सकता। रमजान में सोडा और कॉफी के सेवन से

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