व्याकरण और शुद्ध हिन्दी के प्रयोग पर बल दे पत्रकार
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के
जनसंचार विभाग में मंगलवार को पत्रकारिता दिवस (हिन्दी पत्रकारिता) मनाया
गया इसमें विभाग के शिक्षकों ने व्याकरण और शुद्ध हिन्दी के प्रयोग पर बल
दिया।
विभागाध्यक्ष डा. अजय प्रताप सिंह ने
कहा कि देश में हिन्दी भाषा के पत्र की संख्या ज्यादा है इसका मतलब देश की
अधिक से अधिक आबादी को यह प्रभावित करता है। ऐसे में हमें हिन्दी
पत्रकारिता की गुणवत्ता पर जोर देने की जरुरत है। यह काम अगर हिन्दी भाषी
राज्यों से हो तो इसका लाभ समाज को अच्छे ढंग से मिल सकता है।
टीडी
कालेज के डा. जीसी चौबे ने कहा कि पत्रकारिता में हिन्दी के प्रभाव के
चलते ही इसे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है। डा. विजय नारायण तिवारी
ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता का समाज में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे
में यह कोशिश होनी चाहिए कि पाठकों के पास सही भाषा पहुंचनी चाहिए। जनसंचार
विभाग के प्राध्यापक डा. अवध बिहारी सिंह ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता
समाज के सर्वांगीण विकास में महती भूमिका अदा कर रहा है। उनका मानना है कि
गांव-गिरांव की खबर को भी प्रमुखता मिलनी चाहिए।
विभाग
के प्राध्यापक डा. सुनील कुमार ने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में हिन्दी
पत्रकारिता में अंग्रेजी के मिश्रण से हिन्दी का वर्चस्व कम हो रहा है, यह
हमारे लिए चिंता का विषय है। आज पाठकों के बोलचाल की भाषा का अधिक से अधिक
प्रयोग होना चाहिए। डा. रुश्दा आजमी ने कहा कि हिन्दी के चलते ही भाषाई
पत्रकारिता सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि हिन्दी की भाषा शुद्ध और सटीक हो
तभी पाठक उससे संतुष्ट हो सकता है। डा. रामनारायण ने कहा कि हिन्दी का पहला
पत्र उदंत मार्तण्ड कलकत्ता से जरुर शुरु हुआ मगर यह हिन्दी भाषा की ताकत
थी कि उसके शब्द के स्वर से ही भाव का सम्प्रेषण होता है। अब यह विश्व के
कई देशों में भी बोली जा रही है। इस अवसर पर डा. एसपी तिवारी, डा. राहुल
सिंह, ऋषि श्रीवास्तव, डा. महेंद्र सिंह आदि ने विचार व्यक्त किये।