पिता की चकाचौध जिन्दगी से दूर अपनी जमीन तैयार कर रहे है विधायक जगदीश सोनकर के पुत्र मयंक
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जौनपुर। इधर कुछ वर्षो नेता राजनीत को अपनी विरासत समझने लगे है। अक्सर देखने को मिलता है कि सांसद विधायक और मंत्री अपने पुत्रो को राजनीत लाकर अपना उन्हे अपनी गद्दी सौपने का प्रयास करते है। उधर पुत्र भी अपने पिता की चकाचौध जिन्दगी को देखकर उनके पदचिन्हो पर चलने का पूरा प्रयास करते है साथ में पिता की रसुख पर सत्ता का पूरा सुख भोग करते रहते है। लेकिन इसी नेताओ में कई ऐसे पुत्र भी है जो पिता की शानो शौकत को गैर मानते हुए अपनी जमीन खुद तैयार कर रहे है। हम आपको बताने जा रहे है। मछलीशहर के विधायक जगदीश सोनकर की पुत्र की। समाजवादी पार्टी से जगदीश सन् 2002 से लगातार चार बार विधायक चुने गये है। दो बार यूपी में उनकी पार्टी की सरकार भी रही है। ऐसे में उनके एलौते पुत्र मयंक सोनकर अपनी खुद की जमीन तैयार करने में जुटे रहे। लंदन से पढ़ाई करने के बाद वे हापुड़ में एक दवा फैक्ट्री चला रहे है।
जौनपुर नगर के सुक्खीपुर मोहल्ले के निवासी जगदीश सोनकर सन् 2002 विधानसभा चुनाव में शाहगंज सुरक्षित विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक चुने गये थे। 2007 चुनाव में जगदीश ने इस सीट पर दूसरी बार सपा का परचम लहराया था। 2012 चुनाव में यह सीट सामान्य होने के कारण पार्टी हाईकमान ने उन्हे मछलीशहर सुरक्षित सीट पर उतार दिया। जगदीश यहां भी सपा का झण्डा बुलंद किया था। मुख्यमंत्री अखिेलश यादव ने उन्हे अपने मंत्री मण्डल में शामिल करते हुए राज्यमंत्री बनाया था। 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा की आंधी भी जगदीश का विजय रथ नही रोक पायी। वे चौथी बार विधायक चुने गये। जिसका पिता लगातार विधायक चुना जाता रहा मंत्री भी रहे। एक तरह से उनका जीवन चकाचैध रौशन में बीतता रहा। ऐसे में उनके पुत्र मयंक अपने पापा के चकाचौध जिन्दगी से दूर रहते हुए अपनी खुद की नींव तैयार करने में जुटे रहे। मयंक ने प्राथमिक शिक्षा सेन्ट जांन्स स्कूल से किया उसके बाद सीएमएस लखनऊ और दून इण्टर नेशनल देहरादून में पढ़ाई किया। बी टेक मंयक ने बीबीडी लखनऊ से किया। उसके बाद एमबीए की पढ़ाई भ्रूनल विश्वविद्यालय लंदन से किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद मयंक हापुड़ में अपनी दवा की फैक्ट्री चला रहे है।
शिराज ए हिन्द डाॅट काम से खास बातचीत में मयंक ने बताया कि जब मै 14 वर्ष का था उस समय मेरे पापा पहलीबार विधायक चुने गये 19 वर्ष की उम्र में पहुंचा तो पापा दूसरी बार विधायक बने 24 वर्ष की उम्र में तीसरी बार विधायक चुने गये और मंत्री भी बन गये। 29 वर्ष की उम्र में वे चौथी बार विधान सभा सदस्य चुने गये।
मयंक ने बताया कि पापा लगातार विधायक चुने जाते रहे। नेता, मंत्री और अधिकारियों का मेरे घर पर आना जाना लगा रहा। लेकिन मुझसे इससे कुछ लेना देना नही था। मै अपना खुद का कैरियर बनाना चाहता था। इस लिए मै राजनीत से दूरी बनाते हुए लगातार अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देता था। मयंक ने बताया कि मै अपने कालेज के सहपाठियों को भी नही बताया था कि मेरे पापा विधायक है। भविष्य राजनीत में आने के बारे में पुछा गया तो मयंक ने बताया कि अभी मेरा कोई इरादा नही है। पहले मुझे अपना मुकाम हासिल करना है। यह तो समय ही तय करेगा कि राजनीत में आना है या नही।
मयंक की शादी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव खुद आर्शीवाद देने के लिए आये हुए थे। मयंक ने उस पल की तस्वीरो को भी अपने फेस बुक पोस्ट नही किया है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते है मयंक किस तरह से संजिदगी से अपने मुकाम को हासिल करने में जुटे है।
जौनपुर नगर के सुक्खीपुर मोहल्ले के निवासी जगदीश सोनकर सन् 2002 विधानसभा चुनाव में शाहगंज सुरक्षित विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक चुने गये थे। 2007 चुनाव में जगदीश ने इस सीट पर दूसरी बार सपा का परचम लहराया था। 2012 चुनाव में यह सीट सामान्य होने के कारण पार्टी हाईकमान ने उन्हे मछलीशहर सुरक्षित सीट पर उतार दिया। जगदीश यहां भी सपा का झण्डा बुलंद किया था। मुख्यमंत्री अखिेलश यादव ने उन्हे अपने मंत्री मण्डल में शामिल करते हुए राज्यमंत्री बनाया था। 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा की आंधी भी जगदीश का विजय रथ नही रोक पायी। वे चौथी बार विधायक चुने गये। जिसका पिता लगातार विधायक चुना जाता रहा मंत्री भी रहे। एक तरह से उनका जीवन चकाचैध रौशन में बीतता रहा। ऐसे में उनके पुत्र मयंक अपने पापा के चकाचौध जिन्दगी से दूर रहते हुए अपनी खुद की नींव तैयार करने में जुटे रहे। मयंक ने प्राथमिक शिक्षा सेन्ट जांन्स स्कूल से किया उसके बाद सीएमएस लखनऊ और दून इण्टर नेशनल देहरादून में पढ़ाई किया। बी टेक मंयक ने बीबीडी लखनऊ से किया। उसके बाद एमबीए की पढ़ाई भ्रूनल विश्वविद्यालय लंदन से किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद मयंक हापुड़ में अपनी दवा की फैक्ट्री चला रहे है।
शिराज ए हिन्द डाॅट काम से खास बातचीत में मयंक ने बताया कि जब मै 14 वर्ष का था उस समय मेरे पापा पहलीबार विधायक चुने गये 19 वर्ष की उम्र में पहुंचा तो पापा दूसरी बार विधायक बने 24 वर्ष की उम्र में तीसरी बार विधायक चुने गये और मंत्री भी बन गये। 29 वर्ष की उम्र में वे चौथी बार विधान सभा सदस्य चुने गये।
मयंक ने बताया कि पापा लगातार विधायक चुने जाते रहे। नेता, मंत्री और अधिकारियों का मेरे घर पर आना जाना लगा रहा। लेकिन मुझसे इससे कुछ लेना देना नही था। मै अपना खुद का कैरियर बनाना चाहता था। इस लिए मै राजनीत से दूरी बनाते हुए लगातार अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देता था। मयंक ने बताया कि मै अपने कालेज के सहपाठियों को भी नही बताया था कि मेरे पापा विधायक है। भविष्य राजनीत में आने के बारे में पुछा गया तो मयंक ने बताया कि अभी मेरा कोई इरादा नही है। पहले मुझे अपना मुकाम हासिल करना है। यह तो समय ही तय करेगा कि राजनीत में आना है या नही।
मयंक की शादी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव खुद आर्शीवाद देने के लिए आये हुए थे। मयंक ने उस पल की तस्वीरो को भी अपने फेस बुक पोस्ट नही किया है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते है मयंक किस तरह से संजिदगी से अपने मुकाम को हासिल करने में जुटे है।

