पशु चिकित्साधिकारी को डीएम ने लगायी फटकार
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जौनपुर। विकास खण्ड सिकरारा के पशु चिकित्सालय पर पशु चिकित्साधिकारी की तैनाती न होने से क्षेत्र के पशु पालकों को निजी चिक्तिसकों का सहारा लेना पड़ता है। पशु चिकित्साधिकारी तैनाती कराके हीला हवाली कर रहे है। इस बारे में जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर तैनाती कराने की मांग की गयी है। ज्ञात हो कि वर्ष 1996- 97 में जिला योजना की बैठक में द श्रेणी का पशु चिकित्सालय का प्रस्ताव तत्कालीन जिलधिकारी नवनीत सहगल के समय आया। निदेशालय द्वारा पांच लाख रूपये की धनराशि पशु चिकित्साधिकारी को मिला। जिसमें एक लाख 93 हजार सुइथा ब्लाक के अरसिया सेण्टर के जीर्णोद्धार के लिए तथा तीन लाख 97 हजार से डमरूआ में चिकित्सालय समाज कल्याण को निर्माण के लिए भेजा गया। वर्ष 98 में विभाग द्वारा भवन तैयार करा दिया गया। तत्कालीन पशु चिकित्साधिकारी द्वारा पशुधन प्रसार अधिकारी गोनापार को तीन दिन गोनापार और इतने ही दिन डमरूआ में कार्यकरने का निर्देश दिया गया लेकिन इस समय कोई भी डाक्टर यहां कार्य नहीं कर रहा है। विभाग का कहना है पशुधन प्रसार अधिकारियों की कमी है। कांग्रेस कमेटी के सचिव राजाजीत तिवारी ने जिलाधिकारी को तहसील दिवस पर पत्रक देकर डाक्टर के तैनाती की मांग किया। जिलाधिकारी ने पशु चिकित्साधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि तैनाती में हीला हवाली न करे और तत्काल पशु चिकित्सक को तैनात करे।