स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक समेत चार पर धोखाधड़ी,जालसाजी का वाद दर्ज
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जौनपुर। गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के धोखाधड़ी के मामले में स्टेट बैंक
के क्षेत्रीय प्रबंधक वाराणसी, मुख्य शाखा प्रबंधक,धर्मापुर शाखा प्रबंधक व
फील्ड आफिसर पर प्रकीर्ण वाद दर्ज कर सीजेएम ने जांच का आदेश थानाध्यक्ष
गौराबादशाहपुर को दिया।
गौराबादशाहपुर के राजेपुर निवासी सतीश चंद्र ने अधिवक्ता
अवधेश तिवारी के माध्यम से धारा 156(3)दंप्रसं के तहत स्टेट बैंक के
क्षेत्रीय प्रबंधक, वाराणसी,मुख्य शाखा प्रबंधक जौनपुर समेत चार के खिलाफ
दरखास्त दिया कि उसके पुत्र निष्कर्ष ने एमबीए में दाखिले के लिए दो लाख
अस्सी हजार रुपए शिक्षा ऋण स्टेट बैंक मुख्य शाखा जौनपुर से लिया। लोन दे
दिया लेकिन नोड्यूज प्रमाण पत्र बैंक द्वारा नहीं दिया।वादी का खाता स्टेट
बैंक धर्मापुर में है।वादी लोन का गारंटर नहीं था लेकिन उसका खाता बैंक ने
रोक दिया। इसकी शिकायत बैंकिंग लोकपाल कानपुर में किया।उनके निर्देश पर 18
अगस्त 2017 को मुख्य शाखा प्रबंधक को पत्र भेजा कोई जवाब न आने पर अपने
अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस दिया। 20 अक्टूबर 2017 को 11:00 बजे स्टेट
बैंक मुख्य शाखा के प्रबंधक ने फोन कर बुलाया।वहां फील्ड अफसर शिकायत से
नाराज होकर वादी को अपशब्दों से नवाजे तथा खाता चालू करने के लिए अवैध धन
की मांग किये। 9 दिसंबर 2017 को फील्ड अफसर की आवाज से मिलते जुलते व्यक्ति
ने कानपुर से शिकायत आने का हवाला देते हुए फोन कर खाते का डिटेल पूछा।बाद
में वादी के खाते से 3 लाख 31हजार रूपये निकल गये। वादी ने बैंक के
अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी का आरोप लगाते हुए थाना व पुलिस
अधीक्षक को दरखास्त दिया लेकिन कोई कार्यवाही पुलिस अधिकारियों द्वारा नहीं
की गई।