इस ठंड में योगी अंकल का स्वेटर नहीं पहन पाएंगे बच्चे
https://www.shirazehind.com/2018/01/blog-post_35.html
लखनऊ। सूबे में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, बावजूद इसके अभी तक योगी सरकार परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को स्वेटर बांटे जाने की व्यवस्था नहीं कर सकी है। अपने वादे से इतर सरकार अभी तक यह भी सुनिश्चित नहीं कर सकी है कि इसके लिए किस कंपनी को जिम्मेदारी सौपी जाए। हालांकि इन सबके बीच बच्चे योगी अंकल से अभी भी आस लगाए बैठे है कि वो उन्हें स्वेटर देंगे।
योगी सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों के कक्षा एक से आठ तक के 1.54 करोड़ बच्चों को स्वेटर उपलब्ध कराने के एलान के बाद स्कूलों में बच्चे योगी अंकल के स्वेटर का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि नव वर्ष शुरू हो गया है और अब तक बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा स्वेटर वितरण के लिए निकाली गई निविदा पर अभी तक टेंडर होने की जानकारी भी नहीं मिल पा रही है।
इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शिक्षा परिषद निदेशक की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी व टेंडर प्रक्रिया में चयनित दोनों कंपनियों से बात नहीं बन पाई है। इ ससे छात्रों को इस ठंड में स्वेटर मिलना मुश्किल नजर आ रहा है। अगर बेसिक शिक्षा परिषद निदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी आनन फानन में टेंडर कर भी दे, तो कंपनी को स्वेटरों की सप्लाई देने के लिए कम से कम एक महीने का समय लगेगा।
ऐसे में जब तक स्वेटर तैयार होकर छात्रों तक पहुंचेंगे, तब तक ठंड अपने आखरी समय पर होगी। ऐसे समय में छात्रों को मिलने वाले स्वेटर मात्र औपचारिकता बनकर रह जाएंगे।हा लांकि कुछ दिनों पूर्व टेंडर तो खोले गए थे, जिसमें दो कंपिनयों को टेंडर देने के लिए चयनित भी किया गया था। लेकिन रेट को लेकर कंपनियों व कमेटी में बात नहीं बन सकी। इसके बाद से परिषद की ओर से टेंडर के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।
योगी सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों के कक्षा एक से आठ तक के 1.54 करोड़ बच्चों को स्वेटर उपलब्ध कराने के एलान के बाद स्कूलों में बच्चे योगी अंकल के स्वेटर का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि नव वर्ष शुरू हो गया है और अब तक बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा स्वेटर वितरण के लिए निकाली गई निविदा पर अभी तक टेंडर होने की जानकारी भी नहीं मिल पा रही है।
इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शिक्षा परिषद निदेशक की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी व टेंडर प्रक्रिया में चयनित दोनों कंपनियों से बात नहीं बन पाई है। इ ससे छात्रों को इस ठंड में स्वेटर मिलना मुश्किल नजर आ रहा है। अगर बेसिक शिक्षा परिषद निदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी आनन फानन में टेंडर कर भी दे, तो कंपनी को स्वेटरों की सप्लाई देने के लिए कम से कम एक महीने का समय लगेगा।
ऐसे में जब तक स्वेटर तैयार होकर छात्रों तक पहुंचेंगे, तब तक ठंड अपने आखरी समय पर होगी। ऐसे समय में छात्रों को मिलने वाले स्वेटर मात्र औपचारिकता बनकर रह जाएंगे।हा लांकि कुछ दिनों पूर्व टेंडर तो खोले गए थे, जिसमें दो कंपिनयों को टेंडर देने के लिए चयनित भी किया गया था। लेकिन रेट को लेकर कंपनियों व कमेटी में बात नहीं बन सकी। इसके बाद से परिषद की ओर से टेंडर के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।