जीवन में अनुशासित रहने की जरुरत: पीके मिश्रा
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विश्वेश्वरैया हाल में चल रहे को छह दिवसीय “ट्रेनिंग प्रोग्राम आन एकेडमिक लीडरशिप” कार्यक्रम का समापन हुआ। पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय मिशन शिक्षण और शिक्षक के अंतर्गत हुआ. इसका आयोजन व्यवसाय प्रबंध विभाग और अलीगढ़ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। 6 दिवसीय कार्यशाला में 42 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यशाला दौरान आये विषय विशेषज्ञों ने प्रशासनिक गुणवत्ता सुधार के लिए टिप्स दिए। समापन सत्र में ओएनजीसी के पूर्व महाप्रबंधक डा0 पीके मिश्रा ने कहा कि यह कार्यशाला निश्चित तौर पर प्रतिभागियों के नेतृत्व क्षमता को बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि अच्छे समय में अनुशासित न होने से बुरा समय आ जाता है। जीवन में हमें सदैव अनुशासित रहने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि सभी व्यक्ति के अंदर सुंदरता और बुद्धिमत्ता है लेकिन बहुत सारे अनावश्यक तत्व इसे उभरने नहीं देते है।
बतौर विशिष्ट अतिथि सेण्टर फॉर अकादमिक लीडरशिप एंड एजुकेशन मैनेजमेंट अलीगढ की सहायक निदेशिका डॉ फैजा अब्बाशी ने कहा कि हमें नित नए प्रयोग करते रहना चाहिए। स्वयं के विकास के लिए और संस्था के विकास के लिए यह बहुत ही आवश्यक है। शिक्षक सिर्फ एक शिक्षक ही नहीं होता बल्कि वह एकेडमी की लीडर होता है।
बतौर विशिष्ट अतिथि भागलपुर इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय निदेशक साराह नसरीन ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने बड़े रुचिकर तरीके से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम हमें अपने कार्यों में ऊर्जा प्रदान करेगा। जिसके भविष्य में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। इसके पूर्व आयोजित सत्र में अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय के अध्यक्ष प्रो परवेज तालिब ने अंतर्वैयक्तिक संबंधों पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान के सफलता के पीछे अन्तरवैतिक संबंधों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संस्था के सदस्यों के बीच अगर आपसी ताल मेल बढ़िया है तो संस्था अपने उद्देश्यों को शीघ्र पूरा कर लेगी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपनी सभी अच्छाइयों और बुराइयों को नहीं जान पाता। व्यक्तिव का विकास बुराई कम अच्छाइयों को अधिक करने से होता है। प्रो तालिब से प्रतिभागियों के मध्य मैनेजमेंट गेम को भी कराया।समापन सत्र में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया गया। इस अवसर पर डा0 एसपी तिवारी, डा0 दिग्विजय सिंह राठौर, परमेन्द्र विक्रम सिंह, डॉ नृपेंद्र सिंह, डॉ सुधीर उपाध्याय, डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह, शैलेश प्रजापति आदि मौजूद रहे।
बतौर विशिष्ट अतिथि सेण्टर फॉर अकादमिक लीडरशिप एंड एजुकेशन मैनेजमेंट अलीगढ की सहायक निदेशिका डॉ फैजा अब्बाशी ने कहा कि हमें नित नए प्रयोग करते रहना चाहिए। स्वयं के विकास के लिए और संस्था के विकास के लिए यह बहुत ही आवश्यक है। शिक्षक सिर्फ एक शिक्षक ही नहीं होता बल्कि वह एकेडमी की लीडर होता है।
बतौर विशिष्ट अतिथि भागलपुर इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय निदेशक साराह नसरीन ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने बड़े रुचिकर तरीके से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम हमें अपने कार्यों में ऊर्जा प्रदान करेगा। जिसके भविष्य में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। इसके पूर्व आयोजित सत्र में अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय के अध्यक्ष प्रो परवेज तालिब ने अंतर्वैयक्तिक संबंधों पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान के सफलता के पीछे अन्तरवैतिक संबंधों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संस्था के सदस्यों के बीच अगर आपसी ताल मेल बढ़िया है तो संस्था अपने उद्देश्यों को शीघ्र पूरा कर लेगी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपनी सभी अच्छाइयों और बुराइयों को नहीं जान पाता। व्यक्तिव का विकास बुराई कम अच्छाइयों को अधिक करने से होता है। प्रो तालिब से प्रतिभागियों के मध्य मैनेजमेंट गेम को भी कराया।समापन सत्र में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया गया। इस अवसर पर डा0 एसपी तिवारी, डा0 दिग्विजय सिंह राठौर, परमेन्द्र विक्रम सिंह, डॉ नृपेंद्र सिंह, डॉ सुधीर उपाध्याय, डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह, शैलेश प्रजापति आदि मौजूद रहे।