पानी को तरस रहे यात्री, बैठने का ठिकाना नहीं
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जौनपुर । केराकत के रेलवे स्टेशन की हालत अति दयनीय हो गई है । केंद्र सरकार स्टेशनों के मरम्मत एवं श्रेणी सुधार के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है और जनप्रतिनिधियों की हालत तो ऐसी है के मानो ईद के चांद हो गए है। उनके वादे झूठ सिद्ध हो रहे है। केराकत स्टेशन की हालत देखते हुए जैसे लगता है मानो सदियों पहले किसी खंडहर में आ गए हो। इस स्टेशन पर न तो प्रकाश की व्यवस्था है न ही साफ सफाई और ना ही पेयजल की और न ही शौचालय की । देखा जाए तो इस स्टेशन पर ठहरने या बैठने की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है लोग पेड़ों के नीचे ही बैठकर काम चलाते हैं । कहने को तो यहां तेरह स्ट्रीट लाइट लगी हुई है जिनमें एक भी नहीं जलती है , हैंडपंप है पर वह भी एक कई साल से खराब पड़ा है। बेंच है पर साफ सफाई का इतना अभाव है कि यात्रियों को पेड़ों के नीचे बैठना पड़ता है । जगह-जगह कूड़े व गंदगी या ऐसी फैली है जैसे मानो स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हो। 2 साल पहले रामचरित्र निषाद सांसद ने ऐलान किया था कि केराकत को स्टेशन का दर्जा व यहां आरक्षण केंद्र बनाया जाएगा जिससे लोगों को जौनपुर ना जा करके यहीं से टिकट निकालने की सुविधा व वह कई ट्रेनों का ठहराव किया जाएगा। जिससे लोगों को मुफ्तीगंज डोभी जौनपुर ना जाकर केराकत से ही बैठने की सुविधा मुहैया कराई जाएगी लेकिन तमाम वादे लगता है चुनावी जुमले रहकर सिद्ध हो रहे हैं। स्टेशन का दर्जा तो दूर जो टिकट घर है वह भी अब कभी कभी खुलता है। टिकट के लिए ठेकेदार भी आता है मात्र 5 मिनट पहले, यहां तो टिकट वालों का भी यही हाल है ठेकेदार जिसने ठीका लिया हुआ है, वह ट्रेन आने के मात्र 5 मिनट पहले आता है कितने लोग तो ट्रेन छूटने के डर से टिकट ही नहीं ले पाते। भाजपा सरकार जनता की बेहतरी के लिए नए नए योजनाओं का विमोचन व विकाश के नए नए ऐलान कर रही है पर केराकत के जनप्रतिनिधि उनके सभी कार्यों को पतीला लगाते दिख रहे है। सांसद रामचरित्र निसाद से लोगों को काफी उम्मीदें थी के केराकत को स्टेशन का दर्जा मिलेगा पर 5 वर्ष पूरे होने पर भी कुछ न हो सका। यहां की जनता निषाद से काफी नाराज दिख रही है।