अटल बिहारी वाजपेयी का लगाव था जौनपुर जपनद से: डाॅ0 विष्णु चन्द्र
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जौनपुर। महाविद्यालय में प्राचार्य डाॅ0 विष्णु चन्द्र त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी बाजपेयी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया गया। प्राचार्य जी ने कहा कि अटल जी प्रखर वक्ता व संसदीय लोकतंत्र के जननायक थे। संसद में जब वे बोलते थे तो सम्पूर्ण संसद मंत्रमुग्ध होकर उनकी बाते सुनते थे। उनके निधन से देश की अपूर्णीय क्षति हुई है।
राजनीति विभाग के विभागाध्यक्ष एवं पूर्वान्चल विश्विद्यालय शिक्षक संघ उपाध्यक्ष डाॅ0 अखिलेश्वर शुक्ला ने कहा कि जनसंघ के स्थापना काल से लेकर 1999 तक राजा यादवेन्द्र दत्त दूबे के सम्पर्क मे बने रहे तथा जब भी राजा जौनपुर चुनाव लड़े वे जनपद मे राजमहल मे रहकर चुनाव प्रचार किया करते थे। यहाॅ तक कि कभी एक महीने तक हवेली में रुके थे और उन्होने राजा साहब के सम्मुख यह प्रस्ताव रखा कि उत्तर प्रदेश का चुनाव आपकी जिम्मेवारी है यह मुझे ऊपर से कहकर भेजा गया है और राजा जौनपुर ने सहज स्वीकार करके प्रदेश चुनाव का समस्त व्यय वहन किया। यहाॅ तक कि संसद में राजा साहब यादवेन्द्र दत्त दूबे जब बोल रहे थे तो अटल जी ने अपना भी समय राजा साहब को बोलने के लिए दे दिया था।
डाॅ0 अखिलेश्वर शुक्ला ने कहा कि युगपुरुष एवं निष्कंटक चरित्र एवं अविस्मरणीय व्यक्तित्व के धनी नेता को खोकर राजा श्रीकृष्ण दत्त महाविद्यालय के अध्यापक एवं कर्मचारियों के साथ ही साथ जौनपर जनपद की अपूर्णीय क्षति हुई है
इस अवसर पर महाविद्यालय के डाॅ0 आर0 पी0 ओझा, डाॅ0 अभय प्रताप सिंह, डाॅ0 गगनप्रीत कौर, डाॅ0 श्याम सुन्दर उपाध्याय, डाॅ0 विजय प्रताप तिवारी, डाॅ0 ओमप्रकाश दूबे, डाॅ0 मनोज कुमार तिवारी, डाॅ0 सन्तोष कुमार पाण्डेय, डाॅ0 सुधाकर शुक्ला एवं सुधाकर मौर्या, संजय कुमार सिंह, सहित समस्त उपस्थि रहें।
इस अवसर पर सभी ने दो मिनट का मौन रख कर पूर्व प्रधानमंत्री की आत्मा के शान्ति के लिए भगवान से प्रार्थना की।
राजनीति विभाग के विभागाध्यक्ष एवं पूर्वान्चल विश्विद्यालय शिक्षक संघ उपाध्यक्ष डाॅ0 अखिलेश्वर शुक्ला ने कहा कि जनसंघ के स्थापना काल से लेकर 1999 तक राजा यादवेन्द्र दत्त दूबे के सम्पर्क मे बने रहे तथा जब भी राजा जौनपुर चुनाव लड़े वे जनपद मे राजमहल मे रहकर चुनाव प्रचार किया करते थे। यहाॅ तक कि कभी एक महीने तक हवेली में रुके थे और उन्होने राजा साहब के सम्मुख यह प्रस्ताव रखा कि उत्तर प्रदेश का चुनाव आपकी जिम्मेवारी है यह मुझे ऊपर से कहकर भेजा गया है और राजा जौनपुर ने सहज स्वीकार करके प्रदेश चुनाव का समस्त व्यय वहन किया। यहाॅ तक कि संसद में राजा साहब यादवेन्द्र दत्त दूबे जब बोल रहे थे तो अटल जी ने अपना भी समय राजा साहब को बोलने के लिए दे दिया था।
डाॅ0 अखिलेश्वर शुक्ला ने कहा कि युगपुरुष एवं निष्कंटक चरित्र एवं अविस्मरणीय व्यक्तित्व के धनी नेता को खोकर राजा श्रीकृष्ण दत्त महाविद्यालय के अध्यापक एवं कर्मचारियों के साथ ही साथ जौनपर जनपद की अपूर्णीय क्षति हुई है
इस अवसर पर महाविद्यालय के डाॅ0 आर0 पी0 ओझा, डाॅ0 अभय प्रताप सिंह, डाॅ0 गगनप्रीत कौर, डाॅ0 श्याम सुन्दर उपाध्याय, डाॅ0 विजय प्रताप तिवारी, डाॅ0 ओमप्रकाश दूबे, डाॅ0 मनोज कुमार तिवारी, डाॅ0 सन्तोष कुमार पाण्डेय, डाॅ0 सुधाकर शुक्ला एवं सुधाकर मौर्या, संजय कुमार सिंह, सहित समस्त उपस्थि रहें।
इस अवसर पर सभी ने दो मिनट का मौन रख कर पूर्व प्रधानमंत्री की आत्मा के शान्ति के लिए भगवान से प्रार्थना की।