डा. यदुवंशी की पुस्तक को संस्कृत मंत्रालय भारत सरकार करेगा प्रसारित
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जौनपुर।
जलालपुर क्षेत्र अन्तर्गत सेहमलपुर गांव की पगडण्डी से निकलकर युवा
साहित्यकार डा. ब्रजेश कुमार यदुवंशी ने शीराज-ए-हिन्द जौनपुर का नाम
अन्तर्राष्ट्रीय फलक पर पहुंचाया है। डा. यदुवंशी द्वारा लिखित स्तरीय
पुस्तक ‘‘मारीशस के हिन्दीसेवी प्रहलाद रामशरण’’ को भारत सरकार संस्कृत
मंत्रालय ने देश-विदेश में प्रसारित करने के उद्देश्य से लगभग 12 लाख रूपये
की पुस्तक प्रकाशक से क्रय किया है। ज्ञात हो कि उपर्युक्त पुस्तक में
जहां हिन्दीसेवी विद्वान प्रहलाद रामशरण की कृतियों की समीक्षात्मक
व्याख्या की गयी है, वहीं भारत-मारीशस के मधुर सम्बन्धों को भी व्याख्यिात
किया गया है जो हिन्दी के उत्कर्ष के लिये वरेण्य है ही, साथ ही देश के
पारस्परिक सौहार्द के लिये भी प्रशंसनीय कार्य है। विदित हो कि डा. यदुवंशी
द्वारा सम्पादित पुस्तक ’मारीशस के हिन्दीसेवी प्रहलाद रामशरण’ में
अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध साहित्यकार ‘पहला गिरमिटिया’ के लेखक गिरिराज
किशोर, रोमा लोला कल्चरल विश्वविद्यालय बेलग्रेट (सरबिया गणराज्य) के
कुलाधिपति पद्मश्री डा. श्याम सिंह शशि, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान भारत के
उपाध्यक्ष डा. कमल किशोर गोयनका, फ्रेंच के महान लेखक ईवान मार्शियाल,
हिन्दी यूनिवर्स नीदरलैण्ड की निदेशक डा. पुष्पिता अवस्थी, फिजी, गोयाना,
ट्रीनिडाड, टोबैगो, मारीशस, फ्रांस आदि देशों के साथ 5 दर्जन विद्वानों ने
अपने लेख भेजकर प्रहलाद जी के साहित्यिक योगदान का वर्णन करने के साथ ही
भारत-मारीशस अन्तरसम्बन्ध को सुदृढ़ बनाने का एक प्रशंसनीय कार्य किया है।
वहीं इस पुस्तक के रचनाकार युवा साहित्यधर्मी डा. यदुवंशी को जनपद के
बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, शिक्षाविद्ों ने बधाई दी है।

