दिया गया आपसी भाईचारे का पैगाम
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मरकजी सीरत कमेटी के सदर मजहर आसिफ ने कहा कि रसूल सल्ललाहु अलैहिवसल्लम का दुनिया में के किसी मैदान में कोई उस्ताद नहीं। हम उनकी उम्मत हैं। उनके सहाबा की ¨जदगी के आधार पर रास्ता चुनना चाहिए। डा. केपी यादव ने कहा कि आज जरूरत है कि हिन्दू -मुस्लिम एक मंच पर आएं। उन लोगों को आइना दिखाएं जो धर्म के आधार पर फूट डाल रहे हैं। पूर्व विधायक अरशद खान ने कहा कि हमें गैर मुस्लिमों के साथ खड़ा होना चाहिए। इसके बाद वे भी हमारे साथ खड़े रहेंगे। सभी को एक साथ चलना चाहिए तभी मुल्क तरक्की की राह पर चल सकेगा। पानी और नदी का अस्तित्व अनमोल है इसलिए मुसलमान भी गंगा को साफ करने में आगे आएं। कन्विनर अनवारूल हक गुड्डू ने कहा कि जौनपुर की जमीं पर हिन्दू-मुस्लिम एक साथ मिल कर हर जश्न मनाते हैं। हर त्योहार पर एक दूसरे के साथ रहते हैं। यही इस ऐतिहासिक जिले की खूबी है। पूर्व विधायक हाजी अफजाल अहमद ने कहा कि कौमी यकजहती के मंच पर हर धर्म के लोगों का जुटना ही एकता और अखंडता का प्रतीक है। अंत में मौलाना अलहाज जफर अहमद सिद्दकी ने दुआ कराई। जलसे में डा. पीसी विश्वकर्मा, साजिद अलीम, इरशाद मंसूरी, शकील अहमद, मौलाना ताज, कारी जिया, फिरोज अहमद, डा. हसीन बबलू, मोहम्मद हनीफ आदि उपस्थित रहे। संचालन असिफ एडवोकेट ने किया।


