मनोविज्ञान से हमे सोचने की शक्ति मिलती है : प्रो लोकनायक
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जौनपुर। मोहम्मद हसन पी जी कालेज मे एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार (प्रति बल एव उस से बचाव ) का आयोजन सौदागर हाल मे किया गया इस मौके पर काय॔कम की अध्यक्षता अभिकेषवर सिंह रिटायर्ड रीडर मनोविज्ञान विभाग टी डी कालेज , मुख्य अतिथि प्रोफेसर लोकनायक सिंह रिटायर्ड डीन मनोविज्ञान काशी विघापीठ विश्वविद्यालय ,विशिष्ट अतिथि डा0 मिथिलेश सिंह रीडर / विभागाध्यक्ष सल्तनत बहादुर पी जी कालेज रहे।
इस मौके पर नात/ स्वागत गीत से किया गया ,इसके बाद सरस्वती वंदना की भी गीत का आयोजन किया गया स्वागत भाषण मे सबसे पहले महाविद्यालय के डा ममता सिंह कार्यक्रम सहयोजिका ने कहा मनोविज्ञान से हमेशा सीख लेनी चाहिए, ।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर लोकनायक कहा की मन मे तनाव से निजात पाने के लिए हमे अपनी तर्क शक्ति को प्रवर्तित करना होगा और मनोविज्ञान के ज्ञान से सभी को एक अलग रूप दिया जाएगा मनोविज्ञान से हमे सोचने की शक्ति मिलती है और समाज मे प्रेम की भी नया विकास होता है। विशिष्ट अतिथि डा मिथिलेश सिंह कहा मन का बचाव तभी सम्भव है जब हम अपने विचार को अच्छा बनाय और उसकी तकलीफ को मन से दूर कर दे इस से उस रूप से ले सकते है अगर विचार सही रूप से व्यक्त हो तो मनोविशलेषण किया जाना चाहिए अगर हम मोविज्ञान सही होना चाहिए।
डा अब्दुल क़ादिर खान प्राचार्य मोहम्मद हसन पी जी कालेज ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेट किया
मनोविज्ञान विभाग स्नातकोत्तर मे ही महाविद्यालय के तीन छात्र छात्राओं को मे गोल्ड मेडल दिय़ा गया महाविद्यालय के प्राचार्य एव मुख्य अतिथि द्रारा सम्मान किया गया*
इस काय॔क्रम मे मुख्य रूप से डा शाहनवाज खान, डा कमरूद्दीन शेख़,डा के के सिंह, सह सहयोजिका डा अंकिता श्रीवास्तव,डा आकांक्षा श्रीवास्तव डा शाहिदा परवीन,डा जोतस्ना सिंह ,डा प्रमिल ,डा के के सिंह, डा राकेश कुमार बिन्द, डा निलेश सिंह, डा अच॔ना सिंह,डा जीवन यादव, उपस्थिति रहे।
सेमिनार मे 170 प्रतिभागियों ने प्रायोगिक मनोविज्ञान एक व्यवस्थित दृष्टि कोण तथा प्रति बल से मुक़ाबला ने अपने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किया।
*इस मौके पर महाविद्यालय के समस्त प्रवक्तागण डा राकेश कुमार बिन्द,डा यू पी सिंह,डा सवेन्द्र विक्रम सिंह,डा सतीश दुबे,डा मयंक सिंह,डा ज्ञान राज,डा कमलेश यादव,डा प्रेमलता गिरि,डा शाहिदा परवीन, डा अभिषेक श्रीवास्तव, अहमद अब्बास खान समस्त छात्र-छात्राएँ उपस्थिति रहे*