जौनपुर के बेटे ने जिला का किया नाम रौशन , आई ई एस परीक्षा में देश में प्राप्त किया आठवां स्थान
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जौनपुर। शिराज ए हिन्द की सरजमी जौनपुर शर्की शासनकाल से ही शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल रहा है। आज भी यह दबदबा बरकरार है। शुक्रवार की देर रात आये भारतीय इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा परिणाम में जिले का लाल ने देश में आठवीं रैंक हासिल करके एक बार फिर से जिले का नाम रौशन कर दिया है। उसकी सफलता की खबर मिलते ही उसके नाते रिश्तेदार समेत जिले लोगो सीना गर्व से ऊंचा हो गया है।
नगर के ढ़ालगर टोला {राजा फाटक) के ठीक समाने रहने वाले अखिलेश पाण्डये कोचिंग चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते है। उनका बेटा विजयानंद पाण्डेय बचपन से पढ़ने में तेज रहा है। वह इण्टर तक की पढ़ाई जिले से करने बाद 2012 में AIEEE की परीक्षा पास किया तथा नीट हमीरपुर हिमांचल प्रदेश से किया। बी-टेक कोर्स कम्पलीट कर ही रहा था इसी बीच 9 नवम्बर को आये भारतीय इंजीनियरिंग सेवा परिणाम में उसने देश में आठवीं रैंक हासिल किया है। विजयानंद अपने सफलता का श्रेय ईश्वर, माता ,पिता और गुरूजनों को देते हुए बताया कि वह प्रतिदिन 14 से 16 घंटे पढ़ाई करता था। उसने अन्य प्रतियोगी छात्रो को नसीहत देते हुए कहा कि चरित्रवान रहते हुए परिश्रम निष्ठा के साथ किया जाय तो भविष्य की राह आसान हो जाती है। हलांकि विजयानंद का सपना आईएएस अफसर बनना है।
बेटे की सफलता पर पिता अखिलेश पाण्डेय और माता विजया पाण्डेय बहुत खुश है दोनो ने अपने पुत्र को आर्शीवाद देते हुए कहा कि जिस तरह से मेरा बेटा आज सफलता हासिल करते हुए जिले और प्रदेश का नाम रौशन किया है। उसी तरह से आगे पूरी इमानदारी के साथ कार्य करते हुए दुनियां में भारत का झण्डा बुलंद करगे।
नगर के ढ़ालगर टोला {राजा फाटक) के ठीक समाने रहने वाले अखिलेश पाण्डये कोचिंग चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते है। उनका बेटा विजयानंद पाण्डेय बचपन से पढ़ने में तेज रहा है। वह इण्टर तक की पढ़ाई जिले से करने बाद 2012 में AIEEE की परीक्षा पास किया तथा नीट हमीरपुर हिमांचल प्रदेश से किया। बी-टेक कोर्स कम्पलीट कर ही रहा था इसी बीच 9 नवम्बर को आये भारतीय इंजीनियरिंग सेवा परिणाम में उसने देश में आठवीं रैंक हासिल किया है। विजयानंद अपने सफलता का श्रेय ईश्वर, माता ,पिता और गुरूजनों को देते हुए बताया कि वह प्रतिदिन 14 से 16 घंटे पढ़ाई करता था। उसने अन्य प्रतियोगी छात्रो को नसीहत देते हुए कहा कि चरित्रवान रहते हुए परिश्रम निष्ठा के साथ किया जाय तो भविष्य की राह आसान हो जाती है। हलांकि विजयानंद का सपना आईएएस अफसर बनना है।
बेटे की सफलता पर पिता अखिलेश पाण्डेय और माता विजया पाण्डेय बहुत खुश है दोनो ने अपने पुत्र को आर्शीवाद देते हुए कहा कि जिस तरह से मेरा बेटा आज सफलता हासिल करते हुए जिले और प्रदेश का नाम रौशन किया है। उसी तरह से आगे पूरी इमानदारी के साथ कार्य करते हुए दुनियां में भारत का झण्डा बुलंद करगे।