खेती पर हमले से किसान हलकान
https://www.shirazehind.com/2018/12/blog-post_444.html
जौनपुर। कड़ाके की ठंड में जहां लोग घरों में रजाई के भीतर भी कांपते रहते हैं, वहीं किसानों को लावारिस पशुओं से फसल बचाने के लिए पूरी रात खेतों पर पहरेदारी करनी पड़ रही है। इसके बावजूद नजर बचते ही लावारिस पशु खेतों में घुस जाते हैं और फसल नष्ट कर देते हैं। जिले के अधिकांष क्षेत्रों में पशुओं का जबरदस्त आतंक है। इसी से आजिज आकर किसानों ने आवारा मवेषियों को प्राइमरी स्कूलों में बन्द किया और बाद में स्थिति फिर जस की तस हो गयी। मवेषियों से गरीब किसान ज्यादा त्रस्त हैं। गांवों में सैकड़ों नील गाय, जंगली सूअर, सांड़, गाय आदि घूमते रहते हैं, पर अन्नदाताओं को अन्न की सुरक्षा की चिंता खाए जा रही है। फसलों की सुरक्षा के लिए किसानों को ठण्ड के बीच खेतों पर फसलों की रखवाली करनी पड़ रही है। तमाम किसानों ने खेतों पर झोंपड़ी बना रखी है। कई किसानों ने खेतों के बीचों-बीच पेड़ों पर ठिकाना बना रखा है। झोंपड़ी में बैठने से ही काम नहीं चलता। रातभर खेतों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। खेतों पर बैरीकेडिंग करने के बाद भी पशु खेतों में घुस जाते हैं, इसलिए किसानों की नींद हराम हो गई। किसान सूरज ढलते ही लाठी, डंडे, टॉर्च लेकर चैकीदारों की तरह खेतों पर जाना पड़ता है।