मछलीशहर सीट के लिए इंजीनियर से बेस्ट कैडिडेट होते डाक्टर

जौनपुर। मछलीशहर सीट के लिए रविवार को गठबंधन के तहत बसपा ने अपना पत्ता खोल दिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर इस सीट पर इंजीनियर टी राम को प्रत्याशी बनाया है। टी राम वाराणसी जिले के मूल निवासी है वे वाराणसी जनपद के असगरा क्षेत्र के विधायक रहे है। बाहरी प्रत्याशी उतारे जाने से मछलीशहर क्षेत्र की जनता में मायूसी छा गयी है। 2014 लोकसभा चुनाव में सपा बसपा के मिले वोटो को जोड़ दिया जाय तो भी भाजपा से मात्र 19 हजार वोट से आगे दिखाई पड़ रही है। इस संसदीय क्षेत्र में विन्द, निषाद और सरोज जाति के अधिक मतदाता है। अगर भाजपा ने अपना प्रत्याशी सरोज या विन्द समाज से प्रत्याशी उतार दिया तो गठबंधन को करारा झटका लग सकत है। इस मामले पर कुछ बसपा नेताओ से बातचीत किया गया तो सभी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस सीट पर डा0 लालबहादुर सिध्दार्थ को गठबंधन का प्रत्याशी बनाया गया होता तो जीत आसान हो जाती। लेकिन अब पार्टी ने टी राम को उतार ही दिया है तो हम लोगो को जीत दिलाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। 
लोकसभा चुनाव मैदान में बाजी मारने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां बेकरार है। ऐसे में जिले की दोनो सीटो पर पुनः कब्जा करने के लिए भाजपा जाति ,धर्म व अन्य अधार पर प्रत्याशियों का चयन कर रही है। उधर गठबंधन में जिले की दोनो सीटे बसपा के खाते में आ गयी है। मछलीशहर सीट पर रविवार को एक सम्मेलन में असगरा विधानसभा के पूर्व विधायक इंजीनियर त्रिभुवन राम को मछलीशहर (सुरक्षित)  का कैडिडेट घोषित कर दिया। बसपा नेताओ ने बताया कि इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए  बसपा नेता व जिले के प्रख्यात सर्जन डा0 लालबहादुर सिध्दार्थ पिछले 15  वर्षो से जमीन तैयार कर रहे थे। उन्होने इस इलाके में काफी मेहनत करके सभी जाति धर्म के लोगो से सीधे जुड़ने काम भी किया है । डा0 सिध्दार्थ समय समय पर गरीब मरीजो को मुफ्त इलाज करके जिले में अपनी एक अलग छवि भी बना रखा है। डा0 सिध्दार्थ आईएमए से जुड़े डाक्टर्स से लेकर कई समाजसेवी संगठन के लोगो चहेते है। एक तरह से राजा हो या रंक सभी से सीधे डा0 सिध्दार्थ जुड़े हुए है। बसपाईयों ने साफ कहा कि यादि डा0 सिध्दार्थ को मैदान में उतारा गया होता तो हमारी जीत आसान हो जाती है।
2014 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी रामचरित निषाद को कुल चार लाख 38 हजार 210 मत मिला था। बसपा प्रत्याशी बी पी सरोज के खाते में दो लाख 66 हजार 55 वोट आया था। सपा के तुफानी सरोज को एक लाख 91 हजार 387 मत प्राप्त हुआ था। कांग्रेस प्रत्याशी को मात्र 36 हजार 275 मत पाकर संतोष करना पड़ा था। सपा बसपा का वोट को जोड़ दिया जाय तो मात्र 19 हजार 232 वोटो से आगे गठबंधन का प्रत्याशी दिखाई पड़ रहा है। पिछले चुनाव में सपा और बसपा दोनो ने सरोज जाति पर दांव लगाया था। अगर बीजेपी ने सरोज समाज से अपना प्रत्याशी उतार दिया तो गठबंधन प्रत्याशी के लिए मुश्किले बढ़ जायेगी।

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