अपना दल एस की दूसरी सीट को लेकर जिले की राजनीति गरमायी, इस कोटे से एक प्रभावशाली नेता के लड़ने का कयास
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जौनपुर। भाजपा-अपना दल (एस) के बीच इस लोकसभा चुनाव
हेतु गठबंधन तो फाइनल हो गया लेकिन यह कवायद एक यक्ष प्रश्न भी छोड़ गया है।
इस सवाल का यहां के राजनीति के जानकार अपने-अपने तरीके से हल ढूंढने में
जुट गए हैं। भाजपा व अपना दल (एस) के बीच गठबंधन में अपना दल (एस) को दो
सीटें दी गईं। इसमें मिर्जापुर से केंद्रीय मंत्री पार्टी की शीर्ष नेता
अनुप्रिया पटेल के नाम का तो एलान कर दिया गया लेकिन दूसरी सीट कौन होगी,
इसे लेकर स्थिति अभी तक साफ नहीं है। दूसरी सीट चुनने के लिए अपना दल (एस)
के पास जो विकल्प है उसमें इस जिले की जौनपुर व मछलीशहर (सु) दोनों सीटों
का नाम होना ही वह प्रमुख कारण है जो यहां के लोगों के बीच कौतूहल बन गया
है। राजनीतिक सफर शुरू करने के साथ ही अनुप्रिया पटेल की न केवल यहां बराबर
आमदरफ्त रही बल्कि पिछले विधानसभा चुनाव में मड़ियाहूं विधानसभा उनके
पार्टी के कोटे में गई और जीत भी हासिल हुई।
राजनीति के गलियारे में एक प्रभावशाली नेता का नाम इस प्रकरण से जोड़ते हुए अटकलों व कयासों का दौर तेज हो गया है। उक्त नेता भाजपा नीति गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में यहां भाग्य आजमाने की हर संभव कोशिश में जुटे बताए जा रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में इन दोनों सीटों से भाजपा के प्रत्याशियों ने भारी मतों से विपक्ष के प्रत्याशियों को परास्त किया था। ऐसे में यह देखना लाजिमी है कि भाजपा अपने कब्जे वाली इन सीटों से खुद प्रत्याशी उतारती है या इस किसी भी सीट पर अपने सहयोगी दल को दांव लगाने का फैसला लेती है। फिलहाल अपना दल की दूसरी सीट कौन होगी, इसे लेकर यहां सियासी हलके में बहस तो तेज हो ही गई है।
राजनीति के गलियारे में एक प्रभावशाली नेता का नाम इस प्रकरण से जोड़ते हुए अटकलों व कयासों का दौर तेज हो गया है। उक्त नेता भाजपा नीति गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में यहां भाग्य आजमाने की हर संभव कोशिश में जुटे बताए जा रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में इन दोनों सीटों से भाजपा के प्रत्याशियों ने भारी मतों से विपक्ष के प्रत्याशियों को परास्त किया था। ऐसे में यह देखना लाजिमी है कि भाजपा अपने कब्जे वाली इन सीटों से खुद प्रत्याशी उतारती है या इस किसी भी सीट पर अपने सहयोगी दल को दांव लगाने का फैसला लेती है। फिलहाल अपना दल की दूसरी सीट कौन होगी, इसे लेकर यहां सियासी हलके में बहस तो तेज हो ही गई है।