आज शिक्षा घोर संक्रमण के दौर से गुजर रहीः अमरनाथ सिंह
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जौनपुर।
वर्तमान मंे शिक्षा घोर संक्रमण के दौर से गुजर रही है। अक्टूबर 1986 को
वित्तविहीन मान्यता प्रणाली लागू करके अध्यापकों को पुनः दासता की ओर धकेल
दिया गया है जहां न सेवा दशा है और न ही कोई वेतन। साथ ही 1 अप्रैल 2005 से
पेंशन समाप्त करके शिक्षक-कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी को भी छीन लिया।
उक्त बातें उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ
सिंह ने रविवार को नगर के राजा श्रीकृष्ण दत्त इण्टर कालेज में पत्रकारों
से वार्ता के दौरान कही। उन्होंने आगे कहा कि तदर्थ शिक्षकों का अद्यतन
विनियमितीकरण, पुरानी पेंशन की बहाली, वित्तविहीन शिक्षकांे को सम्मानजनक
मानदेय व बैंक के माध्यम से वेतन भुगतान, शिक्षकों को चिकित्सकीय सुविधा
जैसी ज्वंलत समस्याओं के समाधान हेतु हमारा संगठन संघर्षरत है। अन्त में
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि स्कूल ग्राण्ट कमीशन की स्थापना यूजीसी की तर्ज
पर किया जाय। इस मौके पर उनके साथ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के
प्रत्याशी डा. जितेन्द्र सिंह, आरपी सिंह, श्रीदेव सिंह, प्रकाश नारायण
सिंह सहित अन्य शिक्षक नेता मौजूद रहे।